पंजाब

इसरो बता रहा है कहां आग लगी, आप मना कर रहे हो, हरियाणा-पंजाब पर भड़का सुप्रीम कोर्ट

एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को कड़ा रुख अपनाया है। पराली हत्याकांड मामले में पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों की अदालत में तलब की गई है। शीर्ष अदालत ने दोनों राज्यों को कानून तोड़ने वालों के खिलाफ मुकदमा दायर करने से मना कर दिया। कोर्ट का कहना है कि पंजाब और हरियाणा ने समुद्र तटों में 3 समुद्र तटों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सिर्फ मामूली जुर्माना लगाया है।

मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस अभय एस ओक, जस्टिस एजी क्राइस्ट और जस्टिस ए अमन अमान ने सीएक्यूएम यानी वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को भी शामिल किया है। कोर्ट ने सीएक्यूएम को ‘गैर दांत’ वाला करार दिया और कहा कि यह अपने आदेश पर अमल नहीं कर सकता।

जस्टिस ओक ने कहा, ‘पंजाब और हरियाणा की तरफ से कौन पेश हुआ? आयोग के किसी भी सदस्य के लिए वायु प्रदूषण से जुड़े मामले उपयुक्त नहीं हैं। ऑर्डर का बिल्कुल पालन नहीं हुआ। हमारा पिछला और 10 जून का ऑर्डर भी देखें। अब तक एक भी मुकदमा नहीं हुआ. ‘बेटी सिर्फ कागजों पर है।’ इसपर वकील ने कहा कि इस साल 17 एफआईआर दर्ज की गई है।

कोर्ट ने कहा, ‘लेकिन यह सब बीएनएस के किसी प्रॉजेक्ट में हुआ है।’ उस प्रस्ताव में नहीं, आवश्यक है। हम आपको बहुत साफ-साफ कह रहे हैं। हम 1 सप्ताह के खिलाफ का समय देते हैं और अगर पालन नहीं हुआ, तो हम आपको मुख्य सचिव के खिलाड़ियों का ऑर्डर जारी करेंगे। आप लोगों के खिलाफ मुकदमा करने से शर्मा क्यों रह रहे हैं?’

सुप्रीम कोर्ट ने इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का भी ज़िक्र किया। कोर्ट ने कहा कि इसरो तुम्हें बता रहा है कि कहां आग लगी, लेकिन तुम कह रहे हो कि कुछ नहीं मिला। जस्टिस ओक ने कहा, ‘उल्घन के 191 मामले थे और सिर्फ मामूली जुर्माना लिया गया…’ ‘हरियाणा ने पूरी तरह से अलग की।’ कोर्ट ने पंजाब को भी पराली की स्थिति लेकर घेरा।

जस्टिस ओक ने कहा, ‘यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है।’ अगर मुख्य सचिव किसी के अनुरोध पर काम कर रहे हैं, तो हम उन्हें भी तलब करेंगे। अगले रविवार को हम मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से बुलाएँगे और छोटी-छोटी बातें समझाएँगे। कुछ भी नहीं किया. यही हाल पंजाब का भी है। यह पूरी तरह से अलग होने वाला है।’

शीर्ष अदालत ने 23 अक्टूबर को पंजाब के मुख्य सचिव को उनकी समसामयिक पेशी और नियुक्ति न करने के निर्देश दिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *