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भरतखण्ड/सीतामढ़ी. जिले में अवैध शिक्षकों का मामला लगातार बढ़ रहा है। नया मामला एक ऐसे शिक्षक का है जिसने फ़र्स्ट ट्रेनिंग कोचिंग के आधार पर पहले होटल, किशनगंज और फिर पासपोर्ट में नौकरी की थी। मुक़दमे के बाद अब उस संपत्ति पर दस्तावेज़ दर्ज कर लिया गया है। कोर्ट ने सबसे पहले इसके खिलाफ आदेश दिया था कि जो शिक्षक अवैध तरीके से पद छोड़ेंगे, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसके बावजूद, इस तरह से प्राप्त वेतनमान में रसीद का प्रावधान भी है।
उन्हें बताएं कि ये शिक्षक फर्जी प्रशिक्षण संस्थान के आधार पर बहाल हो गया था और जब उसे लगा कि यहां पर लोगों का डर है, तो उसने नौकरी छोड़ दी। फिर उसने किशनगंज जिले में शिक्षक की नौकरी करने के लिए एक ही फर्म के संस्थान के आधार पर प्रवेश नहीं किया। शिक्षक का नाम हित नारायण ठाकुर है, जो दर्शनीय सुरसंड खंड के मध्य राधा विद्यालय में है। उसके पर्यवेक्षण विभाग के खिलाफ़ नेपोलियन ने बथनाहा थाने में दस्तावेज़ दर्ज किया है। बताया गया है कि, साल 2008 में ठाकुर की बहाली बथना के मध्य विद्यालय में हुई थी, किसीली में स्नातक शिक्षक के रूप में हुई थी। वर्ष 2012 में उन्होंने शिक्षक पद से छुट्टी दे दी और 34540 कोटि के शिक्षक के पद से किशनगंज जिले के मिकोला माध्यमिक विद्यालय, माउंटेनकट में पद रिक्त हो गया। बाद के वर्षों में अंतर्जिला स्क्रीनशॉट नीति के तहत वह सुरसंड खंड के मध्य विद्यालय, राधाउर में आये। तब से अब तक एक ही स्कूल में पर्यटक हैं.
2017 से तलाई जांच
बता दें कि साल 2017 से अनेच्युएटेड के एविक्शन की निगरानी जांच चल रही है। ऑब्जर्वेड ने ऑर्केस्ट्रा इंजीनियरिंग यूनिट, बथनाहा से ठाकुरों के शैक्षणिक और तकनीकी प्रमाण-पत्रों को हासिल कर जांच शुरू की थी। जांच में ठाकुर के खिलाफ बथनाहा थाने में फर्जी प्रमाण पत्र दर्ज किया गया है। उनका प्रमाण पत्र असम का है। असम से संबंधित संस्थान ने रिपोर्ट दी है कि ये उनका यहां से अस्तित्व नहीं है. उक्त शिक्षक जिले के बाजपट्टी खंड के सहनियापट्टी गांव का रहने वाला है।
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पहले प्रकाशित : 16 अक्टूबर, 2024, 16:44 IST