तीन-चार दिन का समय दे दो, आम्रण पोस्ट कर रहे समर्थकों से ममता बनर्जी की अपील
ज्यादातर आपकी मांगें पूरी हो चुकी हैं, बाकी बाकी को पूरा करने के लिए मुझे तीन-चार महीने का समय दें: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अटल कनिष्ठ मित्रों से कहा।
सभी को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन इसका प्रभाव स्वास्थ्य सेवाओं पर नहीं पड़ना चाहिए: मुख्यमंत्री बनर्जी ने कनिष्ठ मित्रों से कहा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कनिष्ठ ग्राहकों से अपना आमरण अनशन समाप्त करने की अपील की।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला चिकित्सक से बलात्कार और हत्या को लेकर सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग को लेकर जूनियर वकीलों का पोस्ट 15वें दिन भी जारी रही। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिटलर से आमरण अनशन खत्म करने की अपील की है। उन्होंने कहा, विरोध करना सभी का अधिकार है, लेकिन इसका प्रभाव स्वास्थ्य सेवाओं पर नहीं पड़ना चाहिए। आपकी ज्यादातर मांगें पूरी हो चुकी हैं, बाकी को पूरा करने के लिए मुझे तीन-चार महीने का समय दें
अभी तक, पोस्ट कर रहे छह मरीज़ों की हालत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। 21 अक्टूबर तक 21 अक्टूबर तक भूख हड़ताल को खत्म करने के लिए राज्य सरकार की ओर से आठ मेडिकल डॉक्टरों ने भूख हड़ताल को खत्म करने की मांग की है। एक डॉक्टर ने कहा कि अगर सोमवार तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो उन्हें 22 अक्टूबर को पूरे राज्य में जबरन हड़ताल करनी पड़ेगी।
एक कनिष्ठ चिकित्सक ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) चर्चा के लिए बैठें और हमारी सभी मांगें पूरी करें।’ शनिवार को साकेतिक भूख हड़ताल की के लिए थिएटर जगत की कई कास्ट ने भी साकेतिक भूख हड़ताल की के लिए रेस्तरां के प्रति एकजुटता बातचीत का प्रदर्शन किया।
अविश्वासियों की अपनी गर्लफ्रेंड को लेकर रविवार को एक विशाल रैली भी आयोजित करने की योजना है। उनके स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम के पद पर भी शामिल हैं। उनके ‘एन-कॉल रूम’ और टॉयलेट आदि के लिए केंद्रीकृत रेफरल सिस्टम की स्थापना, ‘ऑन-कॉल रूम’ और टॉयलेट आदि के लिए आवश्यक सुविधाएं और सुविधाएं शामिल हैं। कार्यबल का गठन शामिल हैं।
आरजी कर अस्पताल में नौ अगस्त को महिला चिकित्सक के साथ कथित आरोपियों और उसकी हत्या के बाद, घटना के विरोध में कनिष्ठ ग्राहकों ने ‘काम बंद’ कर दिया था। राज्य सरकार ने अपने गठबंधन पर विचार-विमर्श की बैठक में 42 दिन बाद 21 सितंबर को अपना आंदोलन समाप्त कर दिया था।