कोलकाता कांड के फास्ट पर बैठे जूनियर डॉक्टर्स ने ममता बनर्जी की शर्त ठुकराई, क्या हुई बात
कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई रेप और हत्या के तीसरे दिन की घटना के बाद भी अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन और सरकार के खिलाफ हल्ला-बोल जारी है। रविवार को भूख हड़ताल के 15वें दिन भी जारी रहने के बाद ममता बनर्जी ने समर्थकों से फोन पर बात की, जिसमें उन्होंने मुलाकात की शर्त रखी, लेकिन उन्होंने सीएम के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। फ़्रैंचली डॉक्टर्स ने कोलकाता कांड के विरोध में सरकार के सामने 10 सूत्रीय मांगें रखी हैं। कई मैगों पर सहमति बनी है, लेकिन कुछ पर अभी भी सहमति बनी हुई है।
मुख्य सचिव मनोज पंत ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ 45 मिनट की बातचीत के लिए सोमवार शाम पांच बजे राज्य सचिवालय नबन्ना में आमंत्रित किया। लेकिन इस बैठक की एक शर्त यह है कि ग्राहकों को अपनी भूख हड़ताल वापस लेनी होगी। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को एक पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले में जूनियर डॉक्टर्स सचिव स्वास्थ्य निगम को हटा दिया गया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आर. उन्होंने कहा कि उनका ज्यादातर नैसर्गिक विचार भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने स्वास्थ्य सचिव को कनिष्ठ ग्राहक की मांग को हटाने की मांग की थी। आंदोलनकारी कम्युनिस्ट पार्टी में से एक देबाशीष हलदर ने रविवार को ‘पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट’ की आम बैठक के बाद कहा, ”हम बैठक में शामिल होंगे लेकिन इससे पहले भूख हड़ताल वापस नहीं लेंगे।” उन्होंने कहा, ” बैठक के नतीजों से यह तय होगा कि आंदोलन किस रूप में जारी रहेगा।”
सीएम ममता ने फोन पर अविश्वास से की बात
मुख्य सचिव मनोज पंत और गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती ने शनिवार को स्प्लेनेड स्थित स्ट्राइक स्थल का दौरा किया था। इस दौरान मुख्यमंत्री ने फोन के जरिए सब्सक्राइबर्स से बात करते हुए कहा, ”हर किसी को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन इसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर नहीं पड़ना चाहिए।” मैं आप सभी से अपेक्षा करता हूं कि आप अपना पोस्ट वापस ले लें।” आंदोलनकारी किसानों के साथ राज्यभर में उनके समर्थक भी शामिल हुए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे 22 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल में सभी स्वास्थ्य पेशेवरों पर हमले का विरोध करेंगे और तेज कर देंगे। चिकित्सक स्वास्थ्य सचिव निगम को हटाने के अलावा मेडिकल कॉलेजों में चुनाव की भी मांग कर रहे हैं।