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एयर फ्रायर में पका खाना बन सकता है जहर! वजन कम करने के चक्कर में सेहत के साथ ना करें खिलवाड़

दिवाली आने वाली है, ऐसे में खूब सारे पकवान तैयार करने होंगे. दिवाली पर तला-भूना खाना बनता है जिसे खाने के बाद अक्सर पछतावा होता है कि फ्राइड फूड क्यों खाया. ऐसे में एयर फ्रायर (Air fryer) ऑयली खाने से बचने का अच्छा ऑप्शन है. त्योहार पर इसमें झटपट ऑयल फ्री डिशेज तैयार हो सकती हैं. इस किचन एप्लायंस से काफी समय बचता है लेकिन ऑयल फ्री खाना बनाने का यह खेल कहीं आपको बीमार ना कर दें. यह डिवाइस भले ही एक्स्ट्रा फैट से बचाता है लेकिन कुछ रिसर्च में सामने आया है कि एयर फ्रायर का ज्यादा इस्तेमाल गंभीर बीमारी कर सकता है.

एयर फ्रायर ने जिंदगी बनाई आसान
आज अधिकतर लोग मोटापे और हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में एयर फ्रायर सौगात बनकर आया है. गुरुग्राम के पारस हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन विभाग में डॉ. संजय गुप्ता कहते हैं कि  कि इसमें डीप फ्राई खाना बिना तेल या बेहद कम तेल में बनकर तैयार हो जाता है. इसमें खाना बेक भी हो सकता है. खाना कम समय में पकता है और कुरकुरा भी हो जाता है. तेज आंच में खाना पकाने से एक्रिलामाइड नाम का केमिकल बनता है जो बीमारियों का कारण बन सकता है. क्लीवलैंड क्लिनिक में छपी स्टडी के अनुसार एयर फ्रायर में 90% तक यह केमिकल नहीं बनता. एयर फ्रायर में सब्जी बेक हो सकती है, पूरी, चिप्स, पापड़ हर फ्राइड चीज बन सकती हैं.

खाना से पोषक तत्व कम होते हैं
एयर फ्रायर के फायदे हैं तो नुकसान भी हैं. इसे खाना डालते से पहले कुछ तापमान पर गर्म किया जाता है. हीट होने के बाद इसमें खाने की सामग्री डालनी चाहिए. अगर सही टेंपरेचर सेट ना किया जाए तो इसमें खाना जल भी सकता है. चूंकि इसमें तेज तापमान पर खाना पकता है इसलिए खाने में पोषक तत्व कम हो जाते हैं.

एयर फ्रायर को अच्छे से साफ ना किया जाए और उसमें खाने के टुकड़े चिपके रहें तो आग लगने का खतरा रहता है (Image-Canva)

दिल की बीमारी का बढ़ता खतरा
एयर फ्रायर में पका खाना भले ही नॉन ऑयली हो लेकिन तेज तापमान पर खाना पकने से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का खतरा बढ़ जाता है. इससे फ्री रेडिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट का संतुलन बिगड़ जाता है. 6 महीने से लगातार अगर इसमें पका खाना खाया जाए तो दिल की गंभीर बीमारी हो सकती है. इसके अलावा डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है.

एयर फ्रायर से कैंसर?
क्लीवलैंड क्लिनिक में छपी स्टडी के अनुसार अगर एयर फ्रायर में मछली को पकाया जाए तो उसमें कोलेस्ट्रॉल ऑक्सीडेशन प्रोडक्ट्स (COPs) की मात्रा बढ़ सकती है. इससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. माइक्रोवेव की तरह एयर फ्रायर में भी रेडिएशन इस्तेमाल होता है जिससे खाना गर्म होता है, यह भी सेहत का दुश्मन है.

फूड पॉइजनिंग हो सकती है
एयर फ्रायर को इस्तेमाल करने के बाद अच्छे से साफ करना चाहिए. अगर इसमें खाने का थोड़ा सा भी टुकड़ा बच जाए तो वह सड़कर बैक्टीरिया को पनपने का मौका दे सकता है. यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के अनुसार अगर इसमें साल्मोनेला-संक्रमित चिकन पीस पकाया जाए तो 32 घंटे तक इसकी ट्रे को ड्राई रखना चाहिए क्योंकि साल्मोनेला नाम का बैक्टीरिया तब तक एक्टिव रहता है. यह फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकता है. हर इस्तेमाल के बाद एयर फ्रायर की ट्रे को गर्म पानी से धोना जरूरी है.

एयर फ्रायर में सब्जी पकाएं या नॉन वेज, हर टुकड़ा एक ही साइज का होना चाहिए (Image-Canva)

एल्युमिनियम फॉइल में ध्यान से पकाएं
कुछ डिशेज एयर फ्रायर में एल्युमिनियम फॉइल में रखकर पकाई जाती हैं. खासकर चीज, फिश या अंडा क्योंकि यह ट्रे पर चिपक सकता है. इस तरह की चीजों को पकाने पर नमी निकलती है इसलिए ऐसा करना सेफ है. लेकिन एसिडिक खाने को फॉइल पर रखकर पकाना ठीक नहीं. टमाटर या जिन चीजों में नींबू का रस या सिरका डला हो तो उन्हें एल्युमिनियम फॉइल पर नहीं रखना चाहिए. इससे रिएक्शन होता है और एल्युमिनियम के कण खाने के साथ मिक्स हो जाते हैं. कई स्टडीज में सामने आ चुका है कि ऐसा करने से ऑस्टियोफोरेसिस और अल्जाइमर की आशंका बढ़ जाती है. यानी अगर खाने में एल्युमिनियम के कण मिल जाएं तो व्यक्ति की हड्डियों से कैल्शियम कम हो सकता है और हड्डियां कमजोर होने लगती हैं. साथ ही भूलने की बीमारी भी हो सकती है.

हरी सब्जी नहीं पकानी चाहिए
हरी सब्जियां जल्दी पकती हैं इसलिए उन्हें एयर फ्रायर में पकाने की जरूरत नहीं होती. इसकी कंवेक्शन एयर हरी सब्जियों को क्रिस्पी बना देती है जिससे इन्हें खाना मुश्किल है और इनका टेस्ट भी बदल जाता है. इसके अलावा गोभी और ब्रोकली को भी डायरेक्ट इसमें नहीं पकाना चाहिए. इसमें पॉपकॉर्न, पास्ता, टोस्ट, चावल और ग्रैवी वाली डिशेज नहीं पकानी चाहिए.

80 साल पहले हुआ था आविष्कार
भारत में भले ही एयर फ्राइड कुछ साल पहले आया हो लेकिन अमेरिका में इसका इस्तेमाल पिछले 80 साल से हो रहा है. 1944 में अमेरिकन एयरफोर्स मेजर जनरल विलियम मैक्सन ने यूएस की आर्मी के साथ पार्टनरशिप की और पैसेंजर प्लेन में फ्रोजन खाले को गर्म परोसने की तैयारी की. उनकी स्काई प्लेट में एक ही समय पर 6 डिशेज पक जाती थीं. उनका बनाया हुआ डिजाइन कन्वेक्शन ओवन की तर्ज पर काम करता था. उन्होंने अपने इस डिजाइन को 1949 में पेंडेंट कराया. लेकिन मॉडर्न एयर फ्रायर को नीदरलैंड के फ्रेड वान डेर वीज ने 2005 में तैयार किया.

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