बिहार

बिहार का टार्जन! उन्हें बोल्ट की बोल्ट ने दी टक्कर, फिटनेस के आगे ‘जॉन सीना’ भी फेल, युवाओं का बना आइकॉन

पश्चिमी चंपारण. आज हम आपको बिहार के पश्चिम हिमाचल प्रदेश के जिलों में रहने वाले एक ऐसे युवाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जो इसमें शामिल हुए हैं। कोई उन्हें टार्जन कहता है, तो कोई बिहार का उन्हें बोल्ट! आश्चर्य की बात तो यह है कि जहां एक आम व्यक्ति 100 प्रोग्राम में भी पानी फेर देता है। वहीं, बिहार के युवाओं को हर दिन 3000 स्टॉक और 2000 स्कॉट बेहद आसानी से मिल जाते हैं। अभी कहानी खत्म नहीं हुई है, जिले के बगहा 01 खंड के पाकड़ गांव का रहने वाला राजा यादव (बिहार का टार्जन) हर दिन औसत 20 किमी की दौड़ में भी हंसते हुए पूरी तरह से भाग लेता है। राजा की फिटनेस और दिमाग को कुंद करने वाली स्टेमिना से प्रभावित देश के नन्हें बच्चों ने उन्हें अपना इंस्पिरेशन मैन रखा है। उदाहरण के तौर पर हम आपको बिहार के इस बोल्ट की पूरी कहानी के बारे में बताते हैं।

पश्चिम तमिलनाडु जिले के बगहा 01 खंड के नीचे आने वाले एक बेहद छोटे गांव पाकड़ में रहने वाले राजा यादव, अब किसी की पहचान का मोहताज नहीं है। अपनी अद्भुत क्षमता और अद्भुत प्रदर्शन की वजह से राजा ने 25 साल की उम्र में ही राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना ली है। देश के कोने-कोने में आज उन्हें बिहार के टार्जन के रूप में जाना जाता है। लोकल 18 से बात करते हुए उन्होंने बताया कि बिहार के टार्जन के रूप में उन्हें पहचानने का समय मिल गया, जब उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो डालना शुरू किया.

अद्भुत कारनामों से भरा है राजा का जीवन
बता दें कि वीडियो में कभी वो रस्सियों के सामने 50 फीट की छत पर चढ़ते हैं, तो कभी दोनों हाथों के बल झुककर लंबी दूरी तय करते हैं। इतना ही नहीं, जहां हम और आप थोड़ी दूरी तक दौड़ने के बाद बुरी तरह से हांफने में डूबे हुए हैं, वहीं राजा रोड पर दौड़ती तेज रफ्तार कार को लंबी दूरी तक दौड़ते हुए देखते हैं। उनकी इस अद्भुत क्षमता को देखकर लोगों ने उन्हें टार्जन का तमगा देना शुरू कर दिया।

भारतीय थल सेना में जाने का था सपना
बकौल राजा, बचपन से उनका सपना भारतीय थल सेना में जाने का था। ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी करते हुए उन्होंने भारतीय सेना में जाने के लिए खुद को तैयार करना भी शुरू कर दिया। वो हर दिन सुबह 4 बजे 20 से 25 किलोमीटर की दौड़ में थे। इसके बाद पुल-अप, पुश-अप और अन्य लक्ष्य पूरी तरह से पिता का हाथ बटाते थे। गौर करने वाली बात यह है कि उस समय वे थल सेना के लिए करीब 5 बार उपचार और मेडिकल टेस्ट पास करने के लिए आए थे, लेकिन लिखित परीक्षा नहीं मिलने की वजह से उनका सपना पूरा होने में असफल हो गया।

11.05 सेकेंड में पूरी कर ली 100 मीटर की दौड़
सोसाइटी, किंग ने अपनी कहानी आगे और शॉर्ट रेसर (100 मीटर की दौड़) के रूप में खुद को पहचान की जिद में लगा ली। आपको जानकर हैरानी होगी कि वर्तमान में राजा 100 मीटर की दौड़ को 11.05 सेकंड में पूरा हर लेते हैं। अब उनका सपना खुद को दुनिया के सबसे तेज़ शॉर्ट रेसर के रूप में पहचानना है। खास बात यह है कि किंग ने किसी समय दुनिया की सबसे तेज शॉर्ट बात रेसर रह चुकेन बोल्ट को अपने प्रेरणा स्रोत से बताई है।

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