‘बेटा पापा की…’ शारदा सिन्हा के आखिरी शब्द, जिसे देखकर हर सुहागन की आंखों से छलक जाएंगे
शारदा सिन्हा अंतिम शब्द: बिहार की सुप्रसिद्ध लोकगायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। पद्म श्री और पद्म रत्न से सम्मानित शारदा सिन्हा अब हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें हमेशा हमारे साथ हैं। छठ महापर्व के अंतिम दिन ही पूरे देश में मशाल वाली शारदा सिन्हा की अंतिम विदाई होती है। हमसब के बीच अब शारदा सिन्हा के गाए गीत ही सिर्फ रह जाएंगे। भारत ही नहीं कार्टून में भी शारदा सिन्हा के गाए गीत आने वाले कई वर्षों तक ऐसे ही गूंजते रहेंगे। छठ महापर्व के पहले दिन नहाय खाय के दिन ही बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा का निधन हृदय विदारक है। इससे तेरह छठ प्रेमियों को गहरा सदमा लगा है। लेकिन, कहीं न कहीं उनका आखिरी शब्द याद आया, जिसे देखकर हर सुहागन की आंखों से झलक मिलती थी।
सिन्हा जीवनभर छठी मैया की गीत गति चलती है, लेकिन नहाय-खाय के दिन ही छठी मैया ने अपनी प्यारी बेटी को अपने आंचल में ले लिया। दुख की घड़ी में पूरा देश शारदा सिन्हा के परिवार का धैर्य और दुख सहने की गरिमा दे रहा है। लेकिन, बोल शारदा सिन्हा ने कहा-जाते भी छठी मैया को याद किया और अपने बेटे को अंतिम शब्द दिया।
शारदा सिन्हा ने भी अपनी आखिरी इच्छा अपने बेटे अशुमन सिन्हा के साथ शेयर की थी। (पीटीआई)
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छठ के दिन ही रुला शारदा सिन्हा
दरअसल, किसी भी महिला की आखिरी इच्छा होती है कि वह अपने पति का साथ जिंदगी भर न छोड़े। शारदा सिन्हा ने भी अपनी आखिरी इच्छा अपने बेटे अशुमन सिन्हा के साथ शेयर की थी। उनके बेटे अशुमन सिन्हा ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से कहा, ‘उनकी मां का अंतिम संस्कार यही था, जहां उनके पिता का अंतिम संस्कार हुआ, वहीं मेरा भी बेटा अंतिम संस्कार कर गया।’ मेरी इच्छा थी कि सुहागन लौटकर ही इस दुनिया से जाने की थी, लेकिन वो हो नहीं सका। इसलिए मेरा भी अंतिम संस्कार वहीं करना था जहां मेरे पिता का निधन हुआ था।’
शारदा सिन्हा का आखिरी शब्द
बता दें कि शारदा सिन्हा के पति का भी दो महीने पहले लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. शारदा सिन्हा खुद कैंसर से पिछले पांच-छह साल से लड़ रही थीं। लेकिन, कैंसर की बीमारी में भी पति का साथ नहीं छूटता. दो महीने पहले जब पति का निधन हुआ तो वह अंदर से टूट गईं। बेटे अंसमन की छुट्टी तो उनकी मां-पिता की मृत्यु के बाद काफी निराश्रित रहने लगी। शायद उसे अंदर से जीन की लैक खत्म हो गई थी।
शारदा सिन्हा के पति का नाम बहादुरकिशोर सिन्हा था। (फ़ोटो)
पति का साथ कभी नहीं छूटता
शारदा सिन्हा के पति का नाम बहादुरकिशोर सिन्हा था। दो महीने पहले ही उनका अंतिम संस्कार पटना के गंगा घाट पर किया गया था। अशुमन अब अपनी मां की इच्छा पूरी करने के लिए मां का पार्थिव शरीर लेकर पटना जाएंगे। कल दोपहर बाद शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार पटना के गंगा घाट पर किया जाएगा। जब, एक तरह डूबते हुए सूर्य की छठव्रती अर्घ्य दे रहे होंगे तब शारदा सिन्हा के पटना के गंगाघाट पर चिता जल रहेगी।
आपको बता दें कि शारदा सिन्हा बिहार के दुकानों में रहने वाली जगह है। फार्मेसी सरिता सिन्हा का वकील था। उनके पति किशोर किशोर सिन्हा भी शिक्षा विभाग में ही काम करते थे। हालाँकि, शारदा सिन्हा का जन्म बिहार के सुपौल में हुआ था। शारदा सिन्हा लोक शिक्षक के साथ-साथ इंटरमीडिएट कॉलेज में प्रोफेसर भी थे। दोनों पति-पत्नी पुष्प के बाद दिल्ली से सेंट इंदिरापुरम में अपने बेटे के साथ होने से रह रहे थे। शारदा सिन्हा के दो बच्चे हैं एक बेटा और एक बेटी।
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पहले प्रकाशित : 6 नवंबर, 2024, 01:38 IST