क्राइम

जिंदगी की दूसरी दहाई पर खड़ा था युवक, बहकावे में ले लिया ये बड़ा फैसला, फिर… खबर सुन कांप ने दिया घरवाले

अपराध समाचार: पंजाब के कोटराझा में रहने वाले इस छात्र ने मासा-मसा जीवन की महिमा दहा पर ही पार की थी। दोस्तों के अमीरी को देख अब उनका मन किसी भी कीमत में अमीर बनने का लग गया था। शानोशौकत इकट्ठा करने की चाहत में वह ऐसे लोगों का खजाना था, जिन्होनने पहले अपने परिवार की पूरी कमाई की संपत्ति बनाई, और फिर उसे इस्तांबुल (तुर्की) के तहत नापाक मंसूबे के पास भेज दिया। असल मकसद को अंजाम देने के लिए वह इस्तांबुल से मासको प्रकटीकरण, इससे पहले वह एयरपोर्ट सिक्युमोरिटिटी के हाथ चढ़ गया था। इसके बाद उनका हश्र कुछ ऐसा हुआ, जिसमें एक जान घर वाले अंदर तक कांप गए।

असली, तुर्की में बेटे के दोस्त जाने की खबर ने इस शेख को तलाक के दोस्त से मार दिया था। पहली बार मेरे बेटे के समुद्र तट पर पहुंचने की खबर थी, वह अपने बेटे की मदद के लिए विदेश नहीं जाना चाहती थी। वहीं दूसरी ओर मार्च तीस लाख रुपए की थी, जिसे साकीत ने अपना घर-जमीन गिरवी हासिल किया था। गनीमत बस इतनी रही कि लंबी पूछताछ के बाद इस्तांबुल एयरपोर्ट की सिक्योनोरिटी ने इस युवा को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट डिपोर्ट करने का निर्णय लिया। और फिर, उसे तुर्की एयरलाइंस की उड़ान TK-716 से एयरपोर्ट के लिए डिपोर्ट कर दिया गया।

पासपोर्ट के पेज नंबर 14 से मिलाप
वोट उषा रंगनानी के अनुसार, आईजीआई एयरपोर्ट पासपोर्टाही ने इमिग्रेशन के इस युवा को अपने कब्जे में ले लिया। इस युवा की पहचान उपनाम सिंह के रूप में हुई. वह मूल रूप से पंजाब के शहीद भगत सिंह नगर के अंतर्गत आने वाले कोटरांझा (नवाशहर) में रहते हैं। दस्तावेज़ दस्तावेज़ के सत्यापन से पता चला कि उसका पासपोर्ट के पेज नंबर 14 पर मैक्सिकन वज़ीर फ़र्ज़ी है। इसी फ़र्ज़ी वज़ीर की वजह से उसे यह पासपोर्टबुल एयरपोर्ट का डिपोर्ट कर दिया गया था। पूरा मामला सामने आने के बाद ब्युरो ऑफ इमिग्रेशन ने एयरपोर्ट पुलिस के साथ मिलकर आईजीआई को मंजूरी दे दी।

पुलिस की पूछताछ में हुआ ये खुलासा
पूछताछ के दौरान, बुनियादी ढांचे पर नामांकित पुलिस को बताया गया कि एक-एक कर उसके दोस्त अकेले विदेश चले गए, लेकिन आज वहां बेहतर जीवन जी रहे हैं। वह भी अपने दोस्तों की तरफ से विदेश में बेहतर जीवन जीना चाह रहा था। इस मकसद को पूरा करने के लिए अपने एक दोस्त के जरिए सनी नामक एक एजेंट तक पहुंच गया। सनी ने इस बात पर भरोसा जताया कि वह 30 लाख रुपये के लोन के साथ सिर्फ अमेरिका तक नहीं पहुंचे, बल्कि वहां उन्हें नौकरी भी दिला दी। विश्वास पर ही सनी ने परास्त के पासपोर्ट में मैक्सिकन वजीर स्थापित किया। इस परियोजना के तहत मेक्सिको में इस डूबते हुए रेस्तरां को लॉन्च किया गया था।

अब सनी का साथी समुद्री मील के पीछे है
उषा रंगनानी के अनुसार, मामले के खुलासे के बाद आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने पीएम, सनी समेत इस मामले से जुड़े आरोपियों के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय संहिता की धारा 318(4)/336(3)/340(2) और 12 पासपोर्ट एक दस्तावेज के खिलाफ कार्रवाई की। अधोगति दर्ज कर ली. पोर्टफोलियो में शामिल के लिए पोर्टफोलियो में शामिल थे। पर असिस्टेंट की निशानदेही पर पुलिस ने सनी के दोस्त लुकेश कुमार नाइक लकी को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में शामिल लोगों की तलाश जारी है।

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