क्राइम

महफ़िल में नज़र आ रहे थे जाम पर जाम, तभी तक नीचे से… भागता नज़र आया पूरा मोहल्ला

अपराध समाचार: फाल्फा के पालम गांव स्थिति एक घर में जमी महफ़िल में एक के बाद एक जाम झलके जा रहे थे। इसी बीच, एक शख़्स उथल-पुथल के जुबान से कुछ ऐसा निकला, कि दूसरी आग बबूला हो गया। इसी बीच, दूसरे हाथ के नीचे एक हाथ लगा हुआ था। इस चीज़ को देखने से पहले देखें शख़्स परत की सतह ऊपर की तरफ और नीचे की नीचे की राह। अब तक गुस्ताख़े से बिलबिला रहा यह पहला शाख़ अब हाथ में दोस्त गिड़गिड़ाने लगा। इसी बीच वहां कुछ ऐसा हुआ कि एक तेज चीख के साथ शांत हो गई. यह शांति अगले तीन दिन तक शैतानी रही।

वहीं तीन दिन बाद उस घर में एक बार फिर कुछ ऐसा हुआ, जिससे पूरे मोहल्ले में हड़कंप मच गया. यहां आलम तक पहुंच गया कि उस मोहल्ले में अंकित की हिम्मत लोग निकल पड़े। परेशान लोगों ने इस संबंध में पुलिस को सूचना दी। सूचना ही पुलिस विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंची। सीनियन पुलिस अधिकारी के अनुसार, यह पूरा वाकया पालम काली के राजनगर इलाके की गली नंबर दो का है। संबंधित लोगों से पुलिस को जानकारी मिली कि एक मकान की दूसरी मंजिल से तेज रोशनी आ रही है। मॉस्क पर परमाणु पुलिस दल ने पाया कि मकान के बाहर ताला लगा हुआ है।

इसके बाद मौक पर फायर ब्रिगेड की टीम को बुलाया गया। फायर ब्रिगेड की मदद से लॉक डिफॉल्ट पुलिस फ्लैट में तैनाती हुई। फ्लैट का दरवाजा खुलते ही गंध बर्दानाम से बाहर हो गया। इस फ्लैट में दो स्टूडियो के एक कमरे में ताला लगा हुआ था। इस कमरे का ताला भी खोला गया। कमरे के अंदर का सामान पूरी तरह से बिखरा हुआ था और सारे कपड़े जमीन पर पड़े हुए थे। कपड़े निकालने पर उसके नीचे से चिपकाए गए टूटे हुए मलबे को बरामद किया गया है। बाद में इस शाख नाम की पहचान 55 वर्ष के देवदास के रूप में हुई। देवदास ही इस फ्लैट के मालिक थे।

जांच में पता चला कि देवदास ब्रह्मचारी और एक महिला के साथ इसी फ्लैट में रहते थे। कुछ वास्तुशिल्प पहले यह महिला आंध्र प्रदेश चला गया था। ममल की नामांकित को देखते हुए राधाकृष्णन पालम गांव में स्कॉलरशिप के शौकीन कुमार गुलिया के नेत्री सिद्धांत में एक टीम का गठन किया गया। जांच में पुलिस को पता चला कि कार्तिक नाम का एक युवक, जिस इलाके में लोग पंडित जी के नाम से जानते थे, वे एक अयोधराम देवदास से मिले थे। पुलिस को पता चला कि इस घटना के बाद कार्तिक का भी कोई पता नहीं चल पाया है। इले ट्रैक्टरिक मेगासिटी की मदद से पता चला कि कार्तिक यार्ड प्रदेश के एटा में छिपा हुआ है।

कार्तिक के रहस्य का पता चलते ही पुलिस ने उसे संविधान में ले लिया। पूछताछ में कार्तिक ने खुलासा किया कि 21 अक्टूबर की रात करीब साढ़े आठ बजे वह देवदास के मकान पर गया था। देवदास घर में अकेले थे और शराब पी रहे थे। उसने कार्तिक को शराब की पेशकश की, जिसके बाद उसे भी शराब पीने का मौका मिला। शुरुआत में तो सब ठीक है, लेकिन शराब का नशा चढ़ते ही देवदास कार्तिक को गले लगा लिया। कार्तिक ने गालियों का विरोध किया तो देवदास ने उन्हें थप्पड़ मारकर गिरा दिया। इसी बीच, कार्तिक के हाथ तकिया के नीचे रखा हुआ चाकू लग गया।

देवदास के लिए यह रॉकेट एटमरक्षा हमेशा के लिए आपकी तकिया के नीचे मौजूद थी। ट्रैक्टर हाथ में ही कार्तिक ने देवदास पर तटरक्षक युद्ध शुरू कर दिया। देवदास की मृत्यु के बाद उनके शव को कपड़े के नीचे छुपाकर बेघर कर घर के बाहर ताला लगा दिया गया और बंधक बना लिया गया। बीच-बीच में वह मकान मालिक के दर्शनीय स्थल देखता है। 27 अक्टूबर को अपार्टमेंट को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। कार्तिक के खुलासे के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर बंधकों के पीछे भेज दिया है।

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