बिहार

बिहार में शिक्षकों का ट्रांसफर, सरकार द्वारा पत्नी के मायके का पता पूछने के खिलाफ शिक्षकों ने खोला मोर्चा

व्युत्पत्ति. बिहार के सेमेस्टर में शिक्षक संघ अब सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी करने की तैयारी में है और अपनी मांग को लेकर हाइकोर्ट में केस करने जा रहे हैं. इंस्टिट्यूट का कहना है कि शिक्षा विभाग ने इंस्टिट्यूट के पोस्टिंग को लेकर जो नोटिफिकेशन जारी किया था, अब वह अपने ही आदेश का उल्लंघन कर रहा है। ऐसा नहीं है कि परमाणु ऊर्जा विभाग के साथ अन्याय हो रहा है। इसी को लेकर डुमरा हवाई अड्डे के मैदान में टीईटी एसटीईटी उतीर्ण विशेषज्ञ शिक्षक संघ (गोपगुट) की हुई बैठक में शिक्षक संघ ने राज्य शिक्षक संघ से जंग का आश्वाशन दिया है।

नियमावली में संसोधन नहीं होगा पर आंदोलन

टीचर्स यूनियन हाईस्कूल डेवलपमेंट सिंह ने लोकेल 18 को बताया कि एजुकेशन डिपार्टमेंट सक्षमता पास्क इंस्टीच्युल को चुनने का काम कर रहा है। जब सक्षमता परीक्षण की अधिसूचना आई तो पोस्टिंग के नियम यह थे कि सक्षमता में प्राप्त अंक के आधार पर जिला इनपुट किया जाएगा। उसी जिले में पोस्टिंग होगी और अब उसे 10 क्लासिकल की मांग की जा रही है, जो सरसर नाइंसाफी है। वुल्फे ने बताया कि जिला संघ प्रदेश इकाई के फैसले एक कदम से एक कदम आगे बढ़ेंगे। अगर सरकार समय रहते नियमावली में संशोधन नहीं करती है, तो लोकतांत्रिक ढंग से सड़क से लेकर सदन तक का आंदोलन होगा।

ऑनलाइन ने सरकार पर नाराजगी व्यक्त करने का आरोप लगाया

नेटफ्लिक्स ने बताया कि संघ उच्च न्यायालय के शरण में भी जरूरतमंदों को नुकसान होगा। सभी परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की मांग है कि अविलंब 10 त्रिशूल की सीमा को समाप्त कर उसकी जगह पर स्थापित किया जाए। सरकार और विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच बातचीत और मतभेद करने का आरोप। पहले कहा गया था कि एग्रीकल्चरल डिस्ट्रिक्ट को उनकी मेरिट के हिसाब से एक एलॉट किया जाएगा। इसके बाद कुछ लोगों ने दूसरे जिले का चयन किया। अब सरकारी शिक्षक के सलाहकारों की फर्म भी तलाश की जा रही है, ताकि वहां पोस्टिंग न हो सके। उद्यमियों की मांग है कि गृह खंड अन्य खंडों के चयन में छूट मिले। वहीं 10 त्रिशूल के चयन में 5 से 6 जिले का चक्कर लगाना पड़ सकता है। इस संस्थान को कई तरह की परेशानी से साझा करना चाहिए।

तबादले को लेकर मिलेंगे 10 विकल्प

बताएं कि परमाणु ऊर्जा बोर्ड को 10 विकल्प मिलेंगे। इनमें से तीन विकल्प अनिवार्य होंगे। यदि तीन अनिवार्य वैकल्पिक में कोई रिक्त नहीं है, तो एक ही जिले या जिले के किसी भी जिले में संस्थागत पद को रिक्त नहीं किया जाएगा। असाध्य रोग, गंभीर बीमारी, विकलांगता, ऑटिज्म या मानसिक विकलांगता के आधार पर 10 पंचायत या नगर निकायों में नियुक्ति के विकल्प दिए जाएंगे। वहीं विधवा, परित्यक्ता टीचर्स, महिला टीचर्स, ट्रांसजेंडर और पति की पोस्टिंग के आधार पर 10 पंचायत या नगर निकायों को नर्सरी वाले संस्थान का विकल्प दिया गया है। पुरुष शिक्षक भी 10 क्लासिक का विकल्प दे सकते हैं।

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