बहुत ही चमत्कारी होती है ये जंगली घास, मलेरिया बुखार में कारगर, पेशाब की समस्या करे दूर! त्वचा के लिए रामबाण
नागौर. ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे अनेक छोटे-छोटे पौधे और घास उगती है, जिसका उपयोग किसी वरदान से काम नहीं है. जानकारी के अभाव में अधिकांश लोग इन औषधि गुण से भरपूर पौधों को खरपतवार समझकर फेंक देते हैं. ऐसा ही एक पौधा है ‘चिरचिटा’, यह औषधि गुण से भरपूर पौधा किसी चमत्कार से कम नहीं है. खरपतवार के बीच उगने वाले इस पौधे की जड़, पत्ती, बीज और तना सभी बेहद उपयोगी है.
आयुर्वेदिक डॉक्टर मनीष कुमार शर्मा ने बताया कि ‘चिरचिटा’ एक तरीके की घास होती है. इसके पत्ते, जड़ और बीज औषधि के रूप में उपयोग किए जाते हैं और यह विभिन्न बीमारियों में लाभकारी मानी जाती है. इसके पत्तों को पीसकर चोट या सूजन पर लगाने से राहत मिलती है. इसके अलावा इसके बीज और पत्तों का उपयोग पेट की समस्याओं में किया जाता है. डेंगू मलेरिया और बुखार में इस पौधे के उपयोग से जल्दी आराम मिलती है.
चिरचिटा के आयुर्वेदिक फायदे
आयुर्वैदिक डॉक्टर पिंटू भारती ने बताया कि ‘चिरचिटा’ के पत्ते और तने को पीसकर प्रभावित जगह पर लगाने से सूजन, चोट और दर्द में राहत मिलती है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में सहायक हैं. वहीं, इसके बीज और पत्तों का सेवन पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है. यह कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है. इसका रस पेट को साफ करने में भी सहायक होता है. इसका उपयोग कफ, सर्दी, खांसी और जुकाम में राहत देने के लिए किया जाता है. इसके पत्तों का काढ़ा या रस लेने से श्वसन तंत्र को साफ किया जा सकता है.
त्वचा रोगों का इलाज
चिरचिटा के रस को त्वचा पर लगाने से फुंसियों, घावों और त्वचा संक्रमण से राहत मिलती है. यह त्वचा को साफ और रोगाणुरहित करता है. इसका सेवन रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होता है, जिससे यह मधुमेह के प्रबंधन में उपयोगी माना जाता है. चिरचिटा का काढ़ा बुखार को कम करने में सहायक होता है, विशेषकर मलेरिया बुखार के लक्षणों में राहत देता है.
पेशाब की समस्या
यह मूत्रवर्धक गुणों से युक्त होता है, जो पेशाब से जुड़ी समस्याओं में राहत प्रदान करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है. इसका उपयोग मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द में राहत देने और अन्य महिला स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी किया जाता है.
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पहले प्रकाशित : 11 नवंबर, 2024, 2:53 अपराह्न IST
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