बिहार

पूर्वी ओरिजिनल: उद्घाटन से पहले मशहुर में 45 लाख का स्टेडियम, खिलाड़ियों की अनदेखी से उठे सवाल

आदर्श कुमार/पूर्वी हिमाचल प्रदेश: नगर परिषद ढाका एवं बिजली विभाग द्वारा संयुक्त रूप से 45 लाख की लागत से बनाया गया कैथेड्रलियम, उद्घाटन से पहले ही बस में आ गया है। इस चैंपियनशिप के कई खिलाड़ी और प्रशिक्षकों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। खेल की तैयारी कर रहे बच्चों को उनके खेल की शुरूआत के बारे में नहीं बताया गया, जबकि इनमें से कई खिलाड़ी पहले ही पदक जीत चुके हैं।

महिला खिलाड़ियों के लिए खास तौर पर बेकार
लोकल18 से बातचीत में एक्टर ज़ेयुअलाह ने बताया कि इंडोर गेम्स की प्रैक्टिस भी खुले मैदान में कर रही है, जिसमें महिला खिलाड़ियों को काफी पसंद किया जाता है। यहां खेलों में बॉक्सिंग और बॉक्सिंग जैसी चीजें कराती हैं, यहां के बच्चे मेडल जीतते हैं, लेकिन इन खेलों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।

भव्य खेल सुविधाओं का अभाव
ग्रेडियल मेडल विजेता खिलाड़ी चित्रांगदा ने बताया कि ढोलाका ट्रायल में कोई भी खिलाड़ी नहीं है, फिर भी स्टेडियम में इसकी व्यवस्था बताई गई है। वहीं, कराटे और बॉक्सिंग जैसे खेल, जिसमें खिलाड़ी पहले ही मेडल ला चुके हैं, उनके लिए अभ्यास की कोई सुविधा नहीं है।

नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट की नाराज़गी
नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट दीपक कुमार ने कहा कि उन्हें स्टेडियम में प्रवेश नहीं मिला। यदि व्यवस्था होती है, तो खिलाड़ियों को बहुत सुविधा होती है। एक महिला खिलाड़ी ने बताया कि आउटडोर प्रैक्टिस के दौरान उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, यहां तक ​​कि ड्रेस चेंज में भी दिक्कत आती है।

उद्घाटन की तारीख अब भी अनिश्चित
45 लाख की लागत से बने इस स्टेडियम का उद्घाटन अब तक नहीं हुआ है और इसे कब चालू किया गया, इस पर भी कोई स्पष्टता नहीं है। खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों का कहना है कि बिना यहां की खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाना मुश्किल हो रहा है, जिससे सभी में दरार आ जाती है।

टैग: बिहार समाचार, स्थानीय18

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