बंजार भूमि पर भी लहलहाती जमीन की ये नस्ल, एक बार लगी तो सींच का भी झंझट खत्म, जानें तकनीक
जमुई. रबी के सीज़न के लिए आंशिक रूप से शुरुआत हो चुकी है। देश में रिकॉर्ड्स का समय 15 नवंबर से शुरू होता है और इसे रबी सीजन की सबसे महत्वपूर्ण वार्षिकी माना जाता है। ऐसे में किसान अलग-अलग तरह की कई नस्लों की खेती करते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी नस्ल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आप उस जमीन या बंजर भूमि पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
कृषि विज्ञान केंद्र जमुई के पौधा संरक्षण विशेषज्ञ डॉ. मुकुल कुमार ने कृषकों को सलाह दी है कि 20 नवंबर तक ऊसर भूमियों में प्रवेश की तिथि तय कर लें और इस दौरान औसत तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास हो तो अधिकतम बेहतर होगा। डॉ. मुकुल ने बताया कि अमेरिका की भूमि में लवण सहनशील ग्लासों के मिश्रण और नवीनतम तकनीक के संयोजन से किसानों को फसल उत्पादन में वृद्धि और खाद्य सुरक्षा में योगदान करने का अवसर मिलेगा।
खेती से पहले इन बातों का ध्यान रखें किसान
डॉ. मुकुल ने बताया कि ऊसर भूमि में जमे जमावड़े पर ही जुताई करें और जुताई के बाद बड़े ढेलों को भुरभुरा कर लें ताकि मिट्टी में बीज काव अच्छा हो सके। साथ ही, अंतिम परीक्षण के आधार पर प्रति हेक्टेयर 200 जिप्सम का प्रयोग आवश्यक है। ऊसर भूमि में बीज का जमाव कम होता है, इसलिए किसान भाई सामान्य से अधिक बीज का उपयोग करें।
यानी प्रति हेक्टेयर 115 से 120 रिज बीज की मात्रा उत्तम मानी जाती है। इसके अलावा, बीज का शोधन कार्बेन्डाजिम 2.5 ग्राम प्रति चावल बीज की दर से करना चाहिए ताकि बीज से सुरक्षा मिले और अंकुरण की दर बेहतर हो सके।
इस नस्ल के बंजर भूमि में खेती की जा सकती है
डॉ. मुकुल ने यूएस लैंड के लिए कुछ विशेष जानवरों की भी सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि मेटल्स की मूर्तियां आरएल 210 और के आरएल 213 यूएस लैंड के लिए सबसे बेहतर कीमतें हैं। इन आदिवासियों का चयन कर किसान भाई बंजर भूमि पर भी अच्छा निर्माण प्राप्त कर सकते हैं।
डॉक्टर मुकुल ने बताया कि बीज को 5 अंकों से अधिक गहराई पर न लगाएं ताकि अंकन में कोई समस्या न हो। ऊसर भूमि में गेहूं की खेती से जहां किसान भाई बंजार भूमि का उपयोग कर सकते हैं, वहीं प्राकृतिक आपदाएं, कीट-पतंगों, जंगलों की कमी और जंगली जंगलों से भी फसल को सुरक्षित रखा जा सकता है। किसान इन तकनीक का प्रयोग कर उस भूमि पर भी खेती में लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
पहले प्रकाशित : 12 नवंबर, 2024, 08:26 IST