हैल्थ

दिल्ली वालों की सांसों पर डबल अटैक, फॉग और स्मॉग का कॉम्बिनेशन खतरनाक ! डॉक्टर बोले- ऐसे लोग घरों से न निकलें

धुंध और कोहरे के दुष्प्रभाव: आज राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों में अलग ही नजारा देखने को मिला. लोग सोकर उठे तो देखा कि बाहर जबरदस्त कोहरा नजर आ रहा है. कई सप्ताह से भयंकर एयर पॉल्यूशन झेल रहे दिल्ली के लोगों के लिए फॉग भी मुसीबत लेकर आया है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो भीषण पॉल्यूशन में फॉग का आना भी लोगों की सांसों पर संकट पैदा कर रहा है. फॉग और स्मॉग का कॉम्बिनेशनल सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है और इससे कई तरह की गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं. डॉक्टर से इस बारे में जरूरी बातें जान लेते हैं.

नई दिल्ली के साकेत स्थित डॉक्टर मंत्री रेस्पिरेटरी क्लीनिक के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. भगवान मंत्री ने News18 को बताया कि आज दिल्ली में स्मॉग के साथ फॉग भी नजर आ रहा है. सिर्फ फॉग हो, तो यह सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं होता है, लेकिन जब फॉग स्मॉग के साथ मिल जाता है, तो यह खतरनाक हो जाता है. फॉग के कारण हवा में मौजूद पॉल्यूटेंट्स हैवी हो जाते हैं और सांस लेने के दौरान तेजी से हमारे फेफड़ों में पहुंचते हैं. इसकी वजह से शरीर में जहरीले तत्वों का डिपोजिशन ज्यादा हो जाता है और रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम्स ट्रिगर होने लगती हैं. इससे सबसे ज्यादा नुकसान सांस के मरीजों को होता है.

ऐसे लोगों को ज्यादा खतरा

पल्मोनोलॉजिस्ट ने बताया कि फॉग और स्मॉग के खतरनाक कॉम्बिनेशन से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, क्रोनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) समेत लंग्स से जुड़ी परेशानियां तेजी से ट्रिगर हो सकती हैं. इसके अलावा हार्ट डिजीज के पेशेंट्स को भी इस डेडली कॉम्बिनेशन से बचने की सख्त जरूरत है. छोटे बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं के लिए यह पॉल्यूशन बेहद खतरनाक हो सकता है. ऐसे में सांस की बीमारियों के मरीज घर से बाहर न निकलें और अगर ज्यादा जरूरी हो, तो घर से निकलते वक्त मास्क जरूर लगाएं. इसके अलावा अपनी दवाएं समय पर लें और परेशानी हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.

इस टेस्ट को जरूर करवाएं

डॉक्टर मंत्री की मानें तो दिल्ली में रहने वाले सभी लोगों को साल में एक बार अपने फेफड़ों का स्पाइरोमेट्री टेस्ट जरूर करवाना चाहिए. बोलचाल में इस टेस्ट को लंग फंक्शन टेस्ट भी कहा जाता है. इस टेस्ट से पता लगाने में मदद मिलती है कि आपके फेफड़े कितने हेल्दी हैं और अगर किसी को दिक्कत होगी, तो इस टेस्ट से पता लगाया जा सकता है. वक्त रहते अगर आप फेफड़ों की बीमारी का पता लगाने में कामयाब रहे, तो गंभीर समस्याओं से बच सकते हैं. पॉल्यूशन हमारे फेफड़ों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक होता है और लोगों को इससे बचने की हरसंभव कोशिश करनी चाहिए.

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