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कहीं आपका सिर दर्द ब्रेन ट्यूमर के कारण तो नहीं, खुद ही पता कर लीजिए क्या है यह, सिंपल है तरीका

शायद ही कोई ऐसा हो जिसे कभी सिर दर्द नहीं हुआ हो. ज्यादा थकान होने पर, सर्दी-जुकाम होने पर, मौसम के करवट लेने पर, बुखार होने पर या कोई और बीमारी होने पर अक्सर सिर दर्द से लोगों को जूझना पड़ता है. पर सिर दर्द होता है और फिर चला भी जाता है. हालांकि कुछ लोगों को बहुत ज्यादा सिर दर्द होता है और वह दवाइयां भी अक्सर खाते हैं लेकिन यह सिर दर्द कभी-कभी ब्रेन ट्यूमर के संकेत भी हो सकते हैं. अगर किसी को अक्सर सिर दर्द होता है तो उसे सामान्य सिर दर्द और ब्रेन ट्यूमर वाले सिर दर्द में अंतर जरूर जानना चाहिए. एक अमेरिकन डॉक्टर ने इंस्टाग्राम पर सामान्य दर्द और ब्रेन ट्यूमर वाले दर्द के बीच अंतर बताया है. इससे कोई भी खुद ही पता लगा सकता है.

इस तरह का दर्द ब्रेन ट्यूमर वाला

डेलीमेल की खबर के मुताबिक अमेरिकन डॉक्टर डॉ. बेबिंग चेन सामान्य सिर दर्द अक्सर लोगों को आता है और इससे कोई घबराने की बात नहीं है. लेकिन दो खास तरह के लक्षण अगर सिर दर्द के समय दिखे तो इसे रेड सिग्नल मानना चाहिए क्योंकि यह दिमाग के अंदरुनी हिस्से में ब्लीडिंग या ब्रेन ट्यूमर भी हो सकता है. हालांकि जरूरी नहीं कि ऐसा हो लेकिन इस बात का अंदेशा रहता है. डॉ. चेन ने बताया कि अगर सिर दर्द कुछ अलग तरह का महसूस हो, ऐसे लगे कि अचानक सिर दर्द आया और पूरे शरीर को झल्ला दिया या सामान्य जो सिर दर्द होता है, उससे ज्यादा देर तक होता रहे तो यह गंभीर सिर दर्द है और इसका मतलब दिमाग के अंदरूनी हिस्से में ब्लीडिंग या ट्यूमर हो सकता है. यह तब होता है जब दिमाग के अंदर के टिशूज गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं. इसे थंडरक्लैप सिर दर्द के नाम से जाना जाता है. यह दर्द ऐसा महसूस होता है जैसा कि किसी चीज से सिर अचानक टकरा गया और टीस वाला दर्द शुरू हो गया हो. इस स्थिति में कभी-कभी अस्पताल भी जाना पड़ जाता है. अगर थंडरक्लैप वाला दर्द है तो इसका मतलब है कि सिर के अंदर कोई ब्लड वैसल्स फट गया है और उससे खून अंदर ही निकलने लगा है. इससे इंसान बहुत दिनों तक अपंगता की स्थिति में आ सकता है या ऐसी स्थिति में कॉमा या मौत भी हो सकती है.

सिर दर्द में भूलकर भी न करें ये काम

डॉ.चेन ने बताया कि अगर सिर में तेज दर्द उठा तो यह अंदरूनी ब्लीडिंग के कारण हो सकता है. इसमें पैरालाइसिस भी हो सकता है. ऐसे में गर्दन में लॉक इन सिंड्रोम हो सकता है जिसमें गर्दन को हल्का सा भी घुमाना मुश्किल हो जाता है. डॉ. चेन ने बताया कि ऐसी स्थिति में भूलकर भी गर्दन पर कोई घरेलू नुस्खा न अपनाएं. उन्होंने बताया कि जब भी ऐसा होता है कुछ लोग गर्दन को झटके से इधर-उधर घुमाते हैं, उस पर अनावश्यक दबाव डालते हैं. वहीं कुछ लोग दूसरे से गर्दन को सीधा करवाते हैं. यह बेहद खराब तरीका है. ऐसा करने से जीवन भी खतरे में पड़ सकता है. इससे अचानक गर्दन के पास से होकर गुजरनी वाली ब्लड वैसल्स बंद हो सकता है जिसके कारण ब्रेन को ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित हो सकती है. उन्होंने कहा कि इस समय लोग एक चीज पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते, वह है नींद. अगर आप पर्याप्त नींद लेंगे तो ऐसी स्थिति में ज्यादा इंज्युरी की आशंका कम हो जाती है. इसके लिए रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद जरूरी है.

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