
आयुर्वेद से कराएं बॉड़ी नेचर टेस्ट, इलाज और स्वस्थ रहने में होगी आसानी, जांच में पता की जाएगी शरीर की प्रकृति
बागेश्वर: भारत सरकार आम जनमानस के लिए कई योजनाएं चला रही हैं. इन्हीं में से एक योजना ‘देश का प्रकृति परीक्षण’ भी है. जिसका बागेश्वर जिले में आयुर्वेदिक विभाग की ओर से संचालन किया जा रहा है. इस योजना के तहत आयुर्वेदिक विभाग के आरोग्य मंदिर और आयुर्वेदिक अस्पतालों में आने वाले लोगों के शरीर का प्रकृति परीक्षण किया जाएगा, जिसमें उन्हें बॉडी टाइप के हिसाब से डायट प्लान और बीमारी का इलाज बताया जाएगा.
आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी ने बताया
वहीं, प्रभारी जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. ऐजल पटेल ने लोकल 18 को बताया कि मनुष्य के शरीर का प्रकृति परीक्षण वात, पित्त और कफ प्रकृति के आधार पर किया जाएगा. जहां जिले में प्रत्येक व्यक्ति इस योजना का लाभ लेने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक या फिर नजदीकी आरोग्य केंद्र में जाकर लाभ ले सकते है. योजना के तहत प्रकृति परीक्षण की सभी सुविधाएं उन्हें फ्री में दी जाएंगी.
जानें कैसे होगा प्रकृति परीक्षण
डॉ पटेल ने बताया कि इस प्रकृति परीक्षण को करने के लिए डॉक्टर स्वयं लोगों को प्रेरित कर रहे हैं. ताकि लोग आधुनिक जीवन शैली में लंबे समय तक स्वस्थ रह सके. इसके लिए व्यक्ति को आरोग्य मंदिर या फिर आयुर्वेदिक अस्पताल में डॉक्टर से मुलाकात करनी होगी.
इस दौरान डॉक्टर व्यक्ति से उसके शरीर और जीवनशैली के बारे में 22 आसान सवाल पूछे जाएंगे. जिनका व्यक्ति को जवाब देना होगा. इसी के आधार पर व्यक्ति की प्रकृति निर्धारित की जाएगी. व्यक्ति वात, पित्त या कफ कौन सी प्रकृति में आता है. इसका पता लगाया जाएगा.
जानें क्या है योजना का उद्देश्य
प्रकृति का पता लगाने के बाद उसे शरीर की प्रकृति के अनुसार खानपान का डाइट प्लान दिया जाएगा. यदि व्यक्ति किसी बीमारी से ग्रसित है, तो उसे इसी रिपोर्ट के आधार पर दवा दी जाएगी. इस प्रक्रिया में शरीर के प्रकृति का सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा. ताकि कभी भी आयुर्वेदिक अस्पतालों में इलाज के दौरान वह डॉक्टर को अपने शरीर की प्रकृति बता सके और उसका इलाज आसानी से हो सके.
जहां शरीर की प्रकृति जानने से व्यक्ति को अपने शरीर का ख्याल रखने में भी आसानी होगी. ऐसे में डॉक्टर्स के लिए भी उन्हें इलाज देने में आसानी होगी. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9वें आयुर्वेद दिवस के मौके पर ‘देश का प्रकृति परीक्षण’ नाम से इस राष्ट्रव्यापी योजना की शुरूआत की थी. इसका उद्देश्य आम जनमानस को आसानी से स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना और लोगों को आयुर्वेद की मदद से स्वस्थ रखना है.
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पहले प्रकाशित : 9 दिसंबर, 2024, दोपहर 1:19 बजे IST