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Miracle: हुआ चमत्कार! मरे हुए आदमी में वापस आई जान, बाड़मेर में डॉक्टर बने देवदूत

बाड़मेर. मेडिकल साइंस के लिए चमत्कार से ज्यादा मेहनत का महत्व है. भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर में ऐसा ही कुछ हुआ है. सरहद पर बसे बाड़मेर के जिला अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने कमाल करते हुए अस्सी साल के बुजुर्ग को फिर से सांसे लौटा दी है. यह घटना किसी मरे हुए व्यक्ति के जिंदा होने से कम नहीं है.

सीपीआर से लौट आई सांसे
दरअसल बाड़मेर जिला अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में  एक बुजुर्ग मरीज को मृत घोषित कर दिया था. जान बचाने की जिद पर अड़े डॉक्टरों की टीम ने अपने भरसक से बुजुर्ग को बचा लिया. आपातकालीन वार्ड में गम्भीर हालत में भर्ती केसरीमल जैन की अचानक सांसे थमने की वजह से आपातकालीन वार्ड के स्टाफ ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. चिकित्सको की टीम ने मोर्चा संभालते हुए हाथों-हाथ सीपीआर देकर बुजुर्ग की पल्स और हार्ट बीट लौटा दी. इसके बाद उसे वेंटिलेटर पर भर्ती कर ईलाज शुरू कर दिया गया.

डॉक्टरों की मेहनत से लौट आई जान
अब बुजुर्ग को आईसीयू में भर्ती करवाया गया है. बुजुर्ग की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है. मरीज की बेटी हर्षा जैन ने बताया कि पहले उनके पिता को मृत घोषित कर दिया गया था लेकिन डॉक्टर जगदीश कुमावत, डॉक्टर नरेश प्रजापत, डॉक्टर अजय कृष्ण के साथ नर्सिंग ऑफिसर जय किशन, पुष्पा, प्रवीण, जितेंद्र सियता, पीर मोहम्मद, संजय जाटोल, महेश सोनी, प्रवीण सोढा, सुखदेव, जसवंत और किशन सिंह की पूरी टीम ने मेहनत से उनके पिता की सांसे फिर से लौटा दी है.

शुरू हो गई हार्ट बीट
डॉक्टरों की पूरी टीम बुजुर्ग की जिंदगी बचाने के लिए जी-जान से जुटे नजर आए. पूरे मामले  को लेकर डॉक्टर जगदीश कुमावत ने बताया कि उन्हें आपातकालीन वार्ड में बताया गया था कि केसरीमल नामक बुजुर्ग की मौत अभी हुई है. वहां पहुंचकर डॉक्टर ने सीपीआर दिया और चेस्ट पर प्रेसर डालकर धड़कन लौटाने का भरसक प्रयास किया. अथक प्रयासों के बाद बुजुर्ग की ना केवल पल्स लौटीं साथ ही हार्ट बीट भी शुरू हो गई. अब बुजुर्ग बेहद सही है और जिला अस्पताल के पृथ्वीराज कोलू आईसीयूं से जल्द ही छुट्टी देकर घर भेज दिया जाएगा.

टैग: Barmer News, सरकारी अस्पताल, स्थानीय18

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