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झारखंड सरकार ने केंद्र से कोयला बकाया वसूलने के लिए कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

झारखंड सरकार ने केंद्र से कोयला बकाया वसूलने के लिए कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की

विलायती सोरेन
– फोटो : X/@HemantSorenJMM

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झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार से 1.36 लाख करोड़ रुपये की वसूली पर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। यह कोयला बाज़ार है। झारखंड सरकार ने मंगलवार को एक खिलाफ अधिसूचना जारी कर राजस्व, पंजीकरण और भूमि सुधार सचिव को केंद्र के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दी। दावा किया जा रहा है कि पिछले महीने झारखंड सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में भी मसौदे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की बात कही गई थी।

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मुख्यालय अधिकारी को नामित किया गया

अधिसूचना में कहा गया है कि ‘राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार सचिव को केंद्र से 1.36 लाख करोड़ रुपये के ऋण भुगतान पर अनिवार्य कानूनी कार्रवाई शुरू करने के लिए नियुक्त किया गया है। ‘कैलडी रॉयल्टी ‘महाधिवक्ता, जनरल इंजीनियर्स आदि और कोल इंडिया की सहायक कंपनियों द्वारा भुगतान में छूट के मामले में, महाधिवक्ता के सलाहकारों को कदम उठाना चाहिए।’ मुख्यमंत्री रसेल सोरेन ने भी पिछले महीने शपथ लेने के बाद कहा था कि म्युचुअल फंड के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। उन्होंने केंद्र से हाथ मिलाने की पेशकश की थी कि उन्होंने राज्य का करोड़ों रुपये का कोयला कोयला भुगतान किया था।

रसेल सोरेन ने सोशल मीडिया पर की थी अपील

2 नवंबर को सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक पोस्ट में भी रसेल सोरेन ने लिखा था कि, ‘प्रधानमंत्री और गृह मंत्री झारखंड आ रहे हैं। मैं एक बार फिर अपने हाथ से तैयार हूं कि वे झारखंडियों को 1.36 लाख करोड़ रुपये का कबाड़ (कोयला दलाल) चुकाएं। यह राशि झारखंड के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मैं अपने भाजपा सहयोगियों से, विशेष रूप से प्रायोगिक तौर पर, अपील करूंगा कि वे झारखंडियों को हमारे निजीकरण में मदद करें।’ उन्होंने इस बात पर जोर देकर कहा कि उत्पाद विभाग का राज्य पर अधिकार है और कहा कि उत्पाद नहीं होने से झारखंड के विकास को नुकसान हो रहा है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि राज्य को लूट और रॉयल्टी वसूली का अधिकार है।

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