
गोपालक हो या मार्केट लीडर…अब छोड़ें दूध की चिंता, विटामिन ए और 35% प्रोटीन वाले इस चारे से बढ़ाएं दूध
पश्चिमी चंपारण. फॉर्मिंग करने वाले लोगों को आम तौर पर कुछ खसखस की खेती अनिवार्य रूप से करनी चाहिए, अन्य उपयोग पशु चारे के रूप में सबसे अच्छा माना जाता है। इनमें बर्सिम, जय (ओटीएस), बिन ग्रास, राय और ओजोला जैसे फ़र्न शामिल हैं। कृषि का दावा है कि आदिवासियों को ठंड से बचाया जा सकता है और उनके दूध की बर्बादी को बढ़ाया जा सकता है। सबसे खास बात यह है कि मछली की खेती में आपको ज्यादा खर्च की चिंता है और न ही महीनों तक सीसे के बर्तन का इंतजार करना पड़ता है। निवेश के 50 दिन बाद ही आप टुकड़ों में बंटे टुकड़ों को आहार के रूप में दे सकते हैं, जिससे चारे पर खर्च किए जाने वाले पैसे की बचत होगी और टुकड़ों में भी दूध के टुकड़े कई गुना बढ़ जाएंगे।
माधोपुर जिले में स्थित देशी गौ-वंश संरक्षण संरक्षण एवं केंद्र में किशोर, किशोर वैज्ञानिक डॉ. रंजन ने फॉर्मर्स के लिए इन विशेष दस्तावेजों पर विस्तृत जानकारी साझा की है।
बुर्इम : बरीम किंग ऑफ फोर्डर ग्रास को कहा जाता है। इसकी खेती मुख्य रूप से समुद्र तट पर की जाती है। किसी भी लेवल का ट्यूटोरियल या फॉर्मूलेशन फॉर्मर इसे अपने डोमेन में लगा सकता है। विशेषज्ञों की माने तो, ये एक ऐसा घास है जिसका उपयोग किराए के रूप में किराए के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इसमें एक दलहनी फल होता है जिसमें प्रोटीन, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व की मात्रा बेहद अधिक होती है। प्रोटीन में 20 प्रतिशत प्रोटीन, एक से प्रतिशत कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन डी और डी3 एवं अन्य पोषक तत्वों की मात्रा होती है। इसकी खेती अक्टूबर से जनवरी तक होती है।
सिर्फ 55 दिनों में इसकी पहली कटाई, 35 दिनों में दूसरी कटाई और अगले 30 दिनों में तीसरी कटाई की जा सकती है। 10 किलो तक दूध देने वाली गाय-भैंस के लिए हर दिन 70 से 80 किलो तक की रोटी के रूप में में अत्यंत उत्तम माना जाता है।ध्यान रहे कि इसका उपयोग भुसे के साथ ही करना चाहिए।
जय (ओट्स): शरीर में 7 से 9 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा होती है। सार्डियो में पशु आहार के रूप में इसका उपयोग उत्तम माना जाता है। इसकी खेती अक्टूबर से जनवरी माह तक होती है। सिद्धांत में लीज के महज़ 50 दिन में इसकी पहली, और 30 से 35 दिन में अलग कर ली जाती है। यह एक अदलहनी फ़ायदेमंद है, इसलिए आप इसका उपयोग वृद्धावस्था में कर सकते हैं। 20 किलों के मिश्रण में 40 किलों के जानवरों के मिश्रण को सबसे अच्छा माना जाता है।
बीन ग्रास : बीन ग्रास में 10 से 15 प्रतिशत तक प्रोटीन होता है. बेरीम और जय के साथ बीन ग्रास को भी पशु देखभाल के रूप में उत्तम माना जाता है। 20 किल जय और 20 किल बीन ग्रास का मिश्रण नारियल के लिए दैनिक चारे के रूप में जाना जाता है। आप इसकी खेती जनवरी महीने तक कर सकते हैं. पहली सलाह 60 और दूसरी सलाह 40 दिन की हो सकती है।
राय : राय एक तिलहनी फल है.इसमें 7 से 8 प्रतिशत तक प्रोटीन की मात्रा होती है. सिद्धांत में जाने के 50 दिन में ही आप इसकी कटिंग कर सकते हैं। असल में पशु चारे के रूप में इसका उपयोग बेहद निरपेक्ष माना जाता है। 10 किल राय के साथ 10 किल राय का मिश्रण हर दिन के चारे के रूप में बेहतरीन तरीके से बताया गया है।
ओज़ोला: ओजोला को सदाबहार चारे के रूप में जाना जाता है। ओरियल का मौसम इसकी खेती के लिए बेहतर होता है। इसे एक टुकड़े में पानी को जमा कर कुछ स्थापत्य के उपयोग से लगाया जा सकता है। अधिकांश चारे की तुलना में ओजोला में प्रोटीन की मात्रा अत्यधिक 30 से 35 प्रतिशत तक होती है। समुद्री जीवों के साथ-साथ मुर्गे के टुकड़ों के लिए भी इसका उपयोग बेहद उत्तम माना गया है।
टैग: कृषि, चम्पारण समाचार, स्थानीय18
पहले प्रकाशित : 18 दिसंबर, 2024, 15:29 IST