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झारखंड उच्च न्यायालय ने पीएलएफआई प्रमुख के इलाज के संबंध में सरकार से हलफनामा दाखिल करने को कहा

झारखंड उच्च न्यायालय
-फोटो : ANI

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झारखंड हाई कोर्ट ने गुरुवार को पीएलएफआई के प्रमुख दिनेश गोप के इलाज को लेकर सवाल पूछे हैं। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा है कि पीएलएफआई के प्रमुख डायन गोप के इलाज के लिए दिल्ली के एम्स ले जाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही उच्च न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया है कि हाफनामा आवेदन पत्र दाखिल कर गोप को एम्स ले जाने की प्रक्रिया में क्या किया जा रहा है। केस की अगली सुनवाई अगले हफ्ते होगी।

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बता दें कि दिनेश गोप को मॉन्स्टॉल ने मई 2023 में दिल्ली से गिरफ्तार किया था। वह अभी भी रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल में बंद है। गोप में 100 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। हाल ही में उनके हाथ का ऑपरेशन हुआ था, लेकिन बाद में उनकी स्थिति खराब हो गई।

रिम्स हॉस्पिटल के मेडिकल बोर्ड की सलाह

मामले में रैम्स रैम्स हॉस्पिटल के मेडिकल बोर्ड ने सुझाव दिया था कि गोप का एम्स में बेहतर इलाज होना चाहिए। लेकिन सरकार ने अब तक उनके लिए एमएसएमई के लिए कोई कदम नहीं उठाया। इस पर गोप ने उच्च न्यायालय में स्मारक की स्थापना की।

दिनेश गोप खूंटी जिले का रहने वाला है और पीएलएफआई संगठन का प्रमुख है, जो 2007 में सी व्यापारी (माओवादी) से अलग बना था। डेमोक्रैट ने अपने दो मामलों की जांच की है, जिसमें से एक मामले में पुराने 25.38 लाख रुपये के नोट बरामद हुए थे।

बता दें कि गोप के खिलाफ झारखंड, बिहार और ओडिशा में हत्या, खतरनाक, खतरनाक और लालची जैसे 102 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। झारखंड सरकार ने उस पर 25 लाख रुपये की घोषणा की थी और कंपनी ने 5 लाख रुपये की घोषणा की थी।

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