
बिहार के गांवों वालों ने बताया हिंदुस्तानी अपने सैनिकों का कैसा सम्मान करते हैं, आप भी कहेंगे सलाम!
31 साल की सेना की नौकरी कर जब गांव लौटे युवा तो गांव में हुआ भव्य स्वागत। सासाराम भदोखरा के गांववालों ने ढोल नगाड़ों के साथ सैनिकों का किया स्वागत।
सासाराम. बिहार के रोहतास जिले के भदोखरा गांव में जब सेना के एक 31 वर्षीय युवा की नौकरी अपने गांव लौटी तो पूरे गांव में उसके सम्मान में ढोल नगाड़े के साथ युवा का स्वागत किया गया। इतना ही नहीं, पूरे गांव के लोगों ने मिलकर युवाओं के सम्मान में अपने घर तक नाच गाना किया। बाद में भोज का भी आयोजन किया गया। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में पदस्थापित सेना के जवान सेंचुरी के 31 वर्षीय जवानों ने शहीद जवानों के साथ मिलकर अलग-अलग सीमा पर अपनी सेवा ली और जब अपने गांव पहुंचे तो गांव के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया।
जम्मू कश्मीर में थे पद नोट-जम्मू कश्मीर में सेना में जे.सी.ओ. के पद पर एस्थेटिक आर्मी मैन सेंचुरीदार अखिलेश सिंह कहते हैं कि देश सेवा के बाद गांव आने पर इतने मान सम्मान से मिलकर वह गदगद हैं। बता दें कि पिछले कुछ वर्षों से सेना के जवानों के प्रति लोगों में सम्मान की भावना का विकास हुआ है। गाँव की सीमा पर लोग घंटों अपने बेटों का इंतज़ार कर रहे थे। सड़क पर लोग ढोल बजा के साथ मौजूद रहे। जैसे ही सेंचुरी, लालटेन, नेहरू ग्राम, लोग नाचने झूमने लगे। उनका पुष्प माला के साथ स्वागत और देश सेवा के लिए उनका अभिनंदन।
सेंचुरी दाख़िल अखिलेश सिंह के भाई अशोक सिंह कहते हैं कि यह पल उनके लिए भावुक कर देने वाला है। भाई सेना की लंबी नौकरी कर गांव लौटे तो पूरे गांव के लोग उनके सम्मान में प्रतिष्ठित हो गए। राष्ट्र सेवा करने वालों का यह सम्मान हम विनम्र प्रेरणा देते हैं। कहा जा रहा है कि इस तरह से अगर सभी सेनाओं के जवानों का सम्मान बढ़ेगा, तो राष्ट्रीय भावना का विकास होगा। सासाराम के भदोखरा में जिस तरह से सैनिकों का स्वागत किया गया, उसका साफ विवरण है कि एक हिंदुस्तानी दिल में अपने सैनिकों के लिए विशेष जगह है।
पहले प्रकाशित : 2 जनवरी 2025, 23:30 IST