क्राइम

साहब मेरी बेटी… की कॉल रिपोर्ट ही एकादशन आया पूरा सिस्टम, सीसीटीवी फुटेज में दिखे ही पुलिस वालों के होश – घर से लापता किशोरी की मां ने दिल्ली पुलिस को फोन किया सीसीटीवी फुटेज शो की हकीकत

नई दिल्ली. राजधानी राजधानी में सुरक्षा के पुख असंतुलित रहते हैं, ताकि आम से लेकर खास तक को किसी तरह की परेशानी न हो। नेशनल कैपिटल होने की वजह से सेसलीन की सुरक्षा की संपत्ति और भी बढ़ती है। ऐसे में बड़ी जिम मेकरी होती है, जिस पर अमल भी किया जाता है। आम आदमी से जुड़े एक मामले में स्वतंत्रता पुलिस के कैसल ने एक बार फिर अपना कमेंट दिखाया है। एक माँ की करुण पुकार को पूरा अमला सुनकर उनकी तकलीफ़ दूर हो गई। माँ को सार्वभौम सोलोमन ने चैन की सांस नहीं ली। मां को बेटी से मिलाने के बाद पुलिस ने दी राहत की सांस.

दरअसल, 15 साल की किशोरी ने पढ़ाई के दबाव में खुद की हस्ती का फैसला लिया। मां को जब पता चला कि उनकी बेटी घर में नहीं है तो मोटोरोला पुलिस से मिल गया। यह घटना शनिवार 5 जनवरी 2025 की है। एक संदिग्ध महिला ने रूपनगर पुलिस को फोन कर बताया कि उसकी 15 साल की बेटी लापता है, निवेदन करके खुलासा किया जाए। सूचना सूचना ही डेमोक्रेट (नॉर्थफुल) राजा बंथिया स्वयं सक्रिय हो गए। इसके बाद एसीपी विनता टायगी के नेतृत्व सिद्धांत एक टीम का गठन किया गया और मैसिव ऑपरेशन शुरू कर दिया गया।

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घर में आई थी किशोरी
लापता की मां ने पुलिस को बताया कि उनकी बेटी घर पर थी। परिवार के बाकी लोग बाहर आये थे. उनकी पढ़ाई-लिखाई और एकेडमिक स्टॉकिंग्स के बारे में मां ने सारी बातें बताईं। साथ ही चिंता की बात यह है कि उनकी बेटी कोई बड़ा कदम उठा सकती है। एसीपी यूक्रेनी शौक़ीन के नेतृत्व में एक पुलिस टीम ने स्टेरॉयड अभियान शुरू किया। टीम ने एसआईटी की जांच शुरू कर दी। सिग्नेचर ब्रिज और वजीराबाद ओल्ड ब्रिज पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्थानीय लोगों से पूछताछ की गई। मेट्रो साइट गार्ड्स द्वारा भी इसकी जानकारी दी गई है और इसमें शामिल है।

सीसीटीवी फुटेज से पता चला
अविश्वास सर्च राजा बंटिया ने बताया कि किस दौरान किशोरी को यमुना नदी में असहाय अवस्था में देखा गया था। इसके बाद पुलिस ने एकशन तेज कर दी। गार्ड और तैराक ब्रिजेश कुमार ने एक भी पल गंवाए बिना नदी में डूबा दिया और किशोरी को सुरक्षित बाहर ले आए। इसके तुरंत बाद पुलिस ने उसे मूर्ति की प्रतिमा की और समन किया। फैक्ट बंथिया ने बताया कि किशोरी को परिवार को फिर से स्थापित करने के बाद पिक्चर्स-बुझाने और लिटरेचर की कानूनी भूमिकाएँ पूरी हो गईं। इसके बाद पुलिस और प्रेमिका की मां ने राहत की सांस ली।

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