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रात में क्यों पैरों में क्रैंप्स के कारण निकल जाती है चीखें, क्या है इसके कारण, कहीं कोई बड़ी परेशानी तो नहीं

पैर में ऐंठन का कारण: रात में पैरों में क्रैंप्स से अधिकांश व्यक्ति गुजरते हैं. जब यह होता है तो पूरा शरीर दर्द से कराह उठता है. इस दर्द का कोई अंत नहीं है. गनीमत है कि कुछ सेकेंड या मिनट के बाद दर्द अपने आप चला जाता है. अगर यह दर्द 5 मिनट भी रह गया तो मौत तक पहुंचना आसान हो सकता है. आमतौर पर ऐसा तब होता है जब पैरों के काफ मसल्स थोड़ी इधर से उधर छिटक जाते हैं या अपनी जगह से थोड़ा हट जाते हैं. इसमें मांसपेशियां अकड़ जाती हैं और व्यक्ति को खिंचाव और असुविधा का अनुभव होता है. अधिकांश मामलों में इसका कारण पता नहीं चलता. बुजुर्गों में यह ज्यादा होता है लेकिन माना जाता है कि जब पैरों के नर्व सेल्स यानी नसें थक जाती है या यहां तक खून कम पहुंचती है तो क्रैंप्स आते हैं. लेकिन कई अन्य कारण भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं.

पैरों में क्रैंप के कारण
मायो क्लिनिक के मुताबिक किडनी फेल्योर, नर्व डैमेज और खून का वहां तक कम बहाव इसके ज्ञात कारण हैं. लेकिन कई अन्य कारण भी क्रैंप्स के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. वहीं गतिहीन जीवनशैली, बहुत ज्यादा एक्सरसाइज, बैठने के तरीकों में गलती, बहुत देर तक खड़ा रहना, नर्व की दिक्कतें आदि भी लेग क्रैंप्स के कारण हो सकते हैं.इन सबके अलावा एडीसन डिजीज, अल्कोहल डिसॉर्डर, एनीमिया यानी हीमोग्लोबिन की कमी, सिरोसिस की बीमारी, डिहाइड्रेशन, हाई ब्लड प्रेशर, हाइपोग्लेसीमिया, हाइपोथायराइड, गतिहीन जीवनशैली,ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल की दवाइयां, पार्किंसन डिजीज जैसी बीमारियां भी इसके कारण हो सकते हैं. अगर आप कम पानी पिएंगे तो भी ऐसा हो सकता है. वहीं खून में सोडियम, पोटेशियम, और कैल्शियम का असंतुलन भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है. जब शरीर में पानी की कमी होती है तो मांसपेशियों को सही ढंग से कार्य करने में मुश्किल होती है जिसके परिणामस्वरूप रात में क्रैंप्स हो सकते हैं. पोटेशियम, कैल्शियम, और मैग्नीशियम जैसे खनिजों की कमी मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द का कारण बन सकती है.

कैसे पाएं इससे छुटकारा
हालांकि पैरों में क्रैंप एक-दो मिनट में अपने आप ठीक हो जाता है. लेकिन यदि इस इसमें मसाज या स्ट्रैच किया जाए तो इससे जल्दी छुटकारा पाया जा सकता है. क्रैप्स आने पर तलवे को सीधा कर चलने की कोशिश करें. पानी का सेवन बढ़ाएं. पोटेशियम, मैग्नीशियम, और कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा अपने आहार में शामिल करें. केले, दूध, और हरी पत्तेदार सब्जियां इन खनिजों के अच्छे स्रोत होते है. पैरों की मांसपेशियों को नियमित रूप से स्ट्रेच करें और हल्का व्यायाम करें ताकि मांसपेशियों में लचीलापन बना रहे.

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