उत्तर प्रदेश

ट्रैक्टर में बाघ… खेत में किसान! में गणित कैसे होगी खेती की कटाई?

देर : ‍पिशाच की कटाई के साथ ही इंसानों और जंगली जंगलों के बीच संघर्ष की सुगबुगाहट तेज हो गई है। समूह के दो अलग-अलग इलाके में रहने वाले लोग बाघ की खेती में खेती करने पर मजबूर हैं। वहीं ग्रामीण वन विभाग पर भी आरोप लगाए जा रहे हैं। नए साल के डॉगी के साथ ही पिस्सू में इंसान और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष की खूबसूरत आंखें आ रही हैं। इलाक़े के दो अलग-अलग इलाक़ों में बाघों की चॉकलकदमी में छात्रावास के सिद्धांतों का आकलन किया जा रहा है। वहीं एक जगह पर बाघिन के साथ उसके शावक की मुलाकात का दावा भी रिवाल्वर की ओर से किया जा रहा है।

पहला मामला शहर से लगभग 8 किमी दूर खरौसा/सौकतनगर गांव का है। जहां लाल सिंह अपने खेत पर काम करने गए थे इसी बीच उनकी नजर में उनकी तलाश में नीलगायों की झुंड पर रखा गया। किसान के अनुसार इसी दौरान अचानक एक बाघ और उसका शावक भी खेत के पीछे भागते हुए जा छुपे। इसके बाद उन्होंने पूरे मामले की जानकारी अपने ग्राम प्रधान राजकुमार नी पड़ोसियों को दी। ग्राम प्रधान का आरोप है कि सूचना देने के घंटे भर बाद भी वन विभाग मौके पर नहीं पहुंचा। ऐसे में किसान कीबोर्ड में काम कैसे करेंगे ये एक अहम सवाल है.

पुनर्जन्म में डर का सम्राट
वहीं दूसरी ओर शहर से 6 किमी दूर स्थित पोटा गांव से भी कुछ ऐसी ही खबर सामने आई है। जानकारी के अनुसार गांव में खेत के खेत में एक बाघ ने जंगली जानवर को अपना शिकार बनाया है। नवीनीकृत रोष के डिप्टी रेंजर के नेतृत्व में वन विभाग की टीम के दस्ते पर कब्जा रही। हालाँकि खेती की कटाई का मौसम होने के कारण बीच खेत में अवशेषों का काम करने में मजदूरों का मनोबल गिरता नजर आ रहा है। पूरे मामले में अधिक जानकारी देते हुए सोशल वानिकी के डिप्टी रेंजर शेर सिंह ने बताया कि बाघ की आबादी में देखने की सूचना बैठक के बाद से ही रिकॉर्ड पर्यवेक्षण में शामिल किया गया है। साथ ही किसानों को भी सलाह दी जा रही है।

पहले प्रकाशित : 8 जनवरी, 2025, 20:42 IST

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