
X-Ray, CT Scan और MRI में क्या अंतर है? किन कंडीशन में किए जाते हैं ये स्कैन, यहां जानें काम की बात
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X-Ray, CT Scan, MRI Difference: जब शरीर के अंदरूनी हिस्सों की जांच की जाती है, तब इमेजिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें शरीर के अंदर की तस्वीरें आ जाती हैं, जिससे बीमारियों का पता लगाने में मदद मिलती है. कंडीशन के अनुसार कई…और पढ़ें
सामान्य चिकित्सा इमेजिंग तकनीकें: जब भी लोगों को किसी तरह की परेशानी होती है या चोट लगती है, तब डॉक्टर एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई जैसे स्कैन करवाने की सलाह देते हैं. कई बार एक्स-रे से काम चल जाता है, तो कई बार सीटी स्कैन और एमआरआई भी करवाने की जरूरत पड़ती है. तीनों ही स्कैन अलग-अलग तरीके से किए जाते हैं और इनकी कीमत भी अलग होती है. अब सवाल है कि ये तीनों स्कैन किस कंडीशन में कराए जाते हैं और इनमें किस तरह बीमारियों का पता लगाया जाता है. चलिए इस बारे में डॉक्टर से जानने की कोशिश करते हैं.
नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रिवेंटिव हेल्थ एंड वेलनेस डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. सोनिया रावत ने News18 को बताया कि X-Ray एक इमेजिंग टेक्निक है, जो शरीर के अंदरूनी अंगों को को देखने के लिए इस्तेमाल की जाती है. इसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन शरीर के अंदर से गुजरती हैं और अंदर के अंगों की एक इमेज बना देती हैं. यह तकनीक हड्डियों में फ्रैक्चर और फेफड़ों की समस्याओं का पता लगाने के लिए यूज की जाती है. X-Ray प्रक्रिया बहुत तेज और सस्ती होती है, लेकिन यह सॉफ्ट टिश्यूज जैसे- मसल्स और कुछ नाजुक अंगों की साफ इमेज नहीं बना पाती है. इससे शरीर को कुछ हद तक रेडिएशन का खतरा भी होता है, लेकिन सामान्य रूप से यह सुरक्षित मानी जाती है.
डॉक्टर ने बताया कि CT Scan यानी कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन एक एडवांस इमेजिंग तकनीक है, जो शरीर के विभिन्न एंगल से कई X-ray चित्रों को एक साथ मिलाकर 3D इमेज तैयार करती है. इससे डॉक्टर्स को ज्यादा साफ और डिटेल्ड इमेज मिल जाती हैं, जो शरीर के भीतर की जटिल संरचनाओं को देखने में मदद करती हैं. CT Scan का उपयोग हड्डियों, मांसपेशियों, ब्लड वेसल्स, इंटरनल ऑर्गन्स और यहां तक कि कैंसर को डिटेक्ट करने के लिए भी किया जाता है. यह प्रक्रिया बेहद तेज होती है और किसी भी प्रकार की इंटरनल ब्लीडिंग, ट्यूमर या इंफेक्शन का पता लगाने में सक्षम होती है. हालांकि CT Scan में X-ray से ज्यादा रेडिएशन होता है. इसे केवल डॉक्टर की सलाह पर ही करवाना चाहिए.
एक्सपर्ट की मानें तो MRI यानी मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग बेहद एडवांस इमेजिंग तकनीक है, जो शरीर के अंदर की संरचनाओं की इमेज बनाने के लिए पावरफुल मैग्नेटिक फील्ड्स और रेडियो वेव्स का उपयोग करती है. MRI से हड्डियों के अलावा सॉफ्ट टिश्यूज जैसे- मसल्स, ऑर्गन और ब्रेन के टिश्यूज भी साफ तौर पर देखे जा सकते हैं. इस इमेजिंग में थोड़ा समय लगता है, लेकिन इसमें रेडिएशन का कोई खतरा नहीं होता है. MRI का इस्तेमाल ब्रेन, स्पाइन, हार्ट और जॉइंट्स की समस्याओं की पहचान करने के लिए किया जाता है. यह खासकर उन मामलों में उपयोगी होता है, जहां अन्य इमेजिंग तकनीक जैसे X-Ray या CT Scan से परेशानी का पता नहीं लग पाता है. MRI महंगी इमेजिंग तकनीक है.
15 जनवरी, 2025, 09:35 IST