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बड़े कमाल का ये पौधा, आयुर्वेदिक गुणों के साथ धार्मिक महत्त्व के लिए भी प्रख्यात

एजेंसी:News18 Uttarakhand

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Health tips : इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया में मदद कर सकते हैं. ये सूजन को कम करने और जोड़ों के दर्द की नेचुरल थेरेपी है.

एक्स

शमी

शमी का पेड़

हल्द्वानी. शमी के पौधे का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्त्व खूब है. शमी की पत्तियां भगवान शिव को प्रिय हैं, जिसके चलते इसे शिवलिंग पर भी चढ़ाया जाता है. शमी को धन, सुख और शांति का भी प्रतीक माना गया है. वैज्ञानिक आधार पर घर में शमी का पौधा लगाने से सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है और कई बीमारियां घर से दूर रहती हैं. काया आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. विनय खुल्लर कहते हैं कि आयुर्वेद में शमी का इस्तेमाल त्वचा संबंधी समस्याएं, डायरिया, कोलेस्ट्रॉल और ब्रेन को टोनअप करने के लिए किया जाता है

जोड़ों के दर्द में राहत
डॉ. खुल्लर ने बताया कि शमी के पौधे की छाल और पत्ते गठिया और जोड़ों के दर्द सहायक होते हैं. इसके पत्तों का पेस्ट बनाकर जोड़ों पर लगाने से सूजन कम होती है और दर्द में राहत मिलती है. शमी के बीजों में भी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गठिया जैसे रोगों में मदद कर सकते हैं. ये सूजन को कम करने और जोड़ों के दर्द को राहत देने के लिए एक नेचुरल थेरेपी है.

खराब कोलेस्ट्रॉल
डॉ. खुल्लर के अनुसार, शमी का पेड़ एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है. ये खून में लिपिड लेवल को कंट्रोल करता है. खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है. दिल की बीमारियों के खतरे को भी कम करता है.

त्वचा के लिए
शमी के पत्ते और बीज त्वचा संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं. शमी के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. इस वजह से शमी के पत्तों का पेस्ट चेहरे पर लगाने से कील-मुंहासे, दाद, खुजली जैसी समस्याओं से राहत मिलती है. शमी के बीजों का तेल भी बालों और स्किन के लिए फायदेमंद होता है. बाहर लाख प्रदूषण के बावजूद आपके घर में लगा शमी का पौधा CO2 अपने अंदर अवशोषित कर ऑक्सीजन देता है.

घरजीवन शैली

कमाल का ये पौधा, आयुर्वेदिक गुणों के साथ धार्मिक महत्त्व के लिए भी मशहूर

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