
कितना खतरनाक है यह HMPV वायरस, क्या है इसके लक्षण? डॉक्टर ने बताया इससे बचाव का तरीका
एजेंसी:News18 राजस्थान
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HMPV News: चीन से निकला नया वायरस एचएमपीवी भारत में दहशत फैला रहा है. डॉ आलोक गुप्ता ने लोकल-18 से बातचीत में बताया कि यह वायरस खांसी, जुखाम और निमोनिया का कारण बन सकता है.

वरिष्ठ फिजिशियन आलोक गुप्ता
जोधपुर. कोरोना का मंजर भला कौन भूल सकता है जब अस्पतालों के बाहर बारात की तरह एम्बुलेंस एक के बाद एक लाइन में खड़ी रहती थी यही नहीं श्मशान घाट पर अर्थियों की इतनी अधिक संख्या रहती थी कि अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता था. ऐसे में एक बार फिर चीन से निकले एक नए वायरस एचएमपीवी जिसने एक बार फिर हर किसी को दहशत में डाल दिया है कि कहीं यह वायरस भी कोरोना की तरह उनके अपनो को न छीन ले. ऐसे में बात उन चिकित्सकों की करें जिन्होंने कोरोना काल के उस मंजर में कोरोना वायरस के रूप में अपनी सेवाएं दी, जिनमें से एक का नाम है जोधपुर के जाने-माने वरिष्ठ फिजिशियन डॉ आलोक गुप्ता, जिन्होने लोकल-18 से खास बातचीत में कहा कि कोविड से हमने बहुत कुछ सीखा है उसी सीख के बारे में हम कह सकते हैं जो चीन में नया वायरस बताया जा रहा है जिसने भारत में एंट्री कर ली है. इस वायरस में खांसी, जुखाम और निमोनिया होने का डर रहता है विशेष तौर पर 5 साल से छोटे बच्चे या फिर जिनकी उम्र ज्यादा है उनमें विशेष रूप से अटैक करता है.
लोकल-18 से खास बातचीत करते हुए डॉ आलोक गुप्ता ने कहा कि इस वायरस को भारत में पैर पसारने से पहले रोका जाए इसके लिए कहना चाहूंगा कि जितनी भी फ्लाइट्स भारत आ रही है अभी से स्क्रीनिंग शुरू कर देना चाहिए. विशेष तौर से वह फ्लाइट्स जो चीन से होकर आ रही है. इसमें जुखाम, खांसी या फिर गला खराब के लक्षण पाए जाते हैं तो उनको वहीं रोका जाना चाहिए क्योंकि एक बार परिवार में आ जाते हैं तो संक्रमण हो जाता है. क्योंकि अभी इस वायरस का एंटीवायरस नहीं है. इसका इलाज उसी तरह से होता है जिस तरह साधारण फ्लू का करते हैं.
समय पर नहीं रोका तो कोरोना की तरह फैल जाएगा संक्रमण
गुप्ता का कहना है कि कोरोना में हम जो बचाव कर चुके हैं जैसे मास्क लगाना, बार-बार हाथ धोना, यह बचाव करना जरूरी है. जितने भी विदेशी लोग है इस संक्रमण का शिकार हो सकते है या फिर चीन से आ रहे है तो उनको अलग से कोरेंटाइन किया जाना अनिवार्य है. यदि ऐसा नहीं कर पाते हैं तो यह एक बार कम्युनिटी में आ जाए तो यह फैलता रहता है. एयर संक्रमण तेजी से फैलता है.
हम सेवाएं देने के लिए हर वक्त है तैयार
डॉ आलोक गुप्ता कहते है कि हम चिकित्सक हमेशा इस बात के लिए तैयार है क्योंकि मरीज हमारे लिए सर्वोपरि होता है. कोई भी चीज हमें मरीज का इलाज करने से नहीं रोक सकती. इस मामले में जाति धर्म या देश इसके बारे में कोई नहीं सोचता. हम तैयार है हमारी सेवाएं किसी भी रूप में यदि सरकार उचित समझती है तो हम हमेशा अपनी सेवाएं देने को तैयार है. जिन लोगो ने पहले भी सेवाएं की है उनको बचाने वाला भगवान है. हम इलाज करते है बचाने वाली ऊपर की शक्ति है जिसको हम भगवान कहते हैं. वह फिर बचाएगा इस खतरे से बाहर निकालेगा. इस विश्वास के साथ सेवाएं देने के लिए तैयार है.
इस बीमारी को पहली बार 2001 में खोजा गया
इस बीमारी को पहली बार 2001 में खोजा गया था. इसके मामले ज्यादातर ठंड के मौसम में देखे जाते हैं. पैरामाइक्सोविस्डेि और रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (आरएसवी) से संबंधित यह वायरल रोगजनक सभी आयु वर्ग के लोगों में सांस संबंधी बीमारियों का कारण बनता है. एचएमपीवी खांसने या छींकने से निकलने वाली रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स के साथ-साथ दूषित सतहों को छूने या संक्रमित व्यक्तियों के सीधे संपर्क में आने से फैलता है. यह वायरस सांस लेने में हल्की असुविधा से लेकर गंभीर बीमारियों का कारण खासकर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में बनता है.
पाली,पाली,राजस्थान
26 जनवरी, 2025, 14:33 है
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.