
पेट्स पालने के फायदे: मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
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Explainer- आजकल कई लोग घर में पेट्स पाल रहे हैं. इससे जहां बेजुबान जानवरों को परिवार मिल जाता है, वहीं लोगों को उनसे प्यार और सुरक्षा मिल जाती है. पेट्स को पालने के कई फायदे हैं. पेट्स इंसानों को कई बीमारियों स…और पढ़ें

पेट्स पालने से व्यक्ति अकेलेपन का शिकार नहीं होता (Image-Canva)
जब पेट्स घर में आते हैं तो माहौल ही बदल जाता है. घर में छोटे बच्चों की तरह पेट्स उछलते-कूदते रहते हैं और परिवार को एक-साथ उनकी हरकतों पर हंसने का मौका मिल जाता है. पेट्स खासकर डॉग जहां इंसानों के घर को सुरक्षित रखते हैं, वहीं उन्हें बेपनाह प्यार भी करते हैं. इसके अलावा पेट्स को पालना सेहत के लिए भी फायदेमंद है.
पेट्स मेंटल हेल्थ रखते दुरुस्त
मनोचिकित्सक मुस्कान चंद्रा कहती हैं कि पेट्स में बिल्ली, तोते, डॉग समेत कई जानवर आते हैं लेकिन कई स्टडी में सामने आ चुका है कि डॉग को पेट्स के तौर पर पालना बेहद फायदेमंद होता है. डॉग अपने मालिक के लिए बहुत ईमानदार होते हैं और उनसे बेहद प्यार करते हैं. उनका प्यार व्यक्ति को कई तरह की टेंशन से दूर रखता है. जो मालिक अपने पेट्स से बातें करते हैं, उनका स्ट्रेस आसानी से दूर होता है, वह खुद को अकेला नहीं महसूस करते और डिप्रेशन, एंग्जाइटी जैसे मेंटल डिसऑर्डर से दूर रहते हैं.
भूलने की बीमारी नहीं होती
जापान के टोक्यो मेट्रोपॉलिटन इंस्टिट्यूट फॉर गीरिएट्रिक्स एंड जेरोन्टोलॉजी ने एक स्टडी की. इसमें 65 साल की उम्र के 12 हजार लोगों को शामिल किया गया. इसमें सामने आया कि जिन लोगों ने डॉग पाले हुए थे, उनकी ब्रेन हेल्थ बहुत अच्छी थी. उन्हें डिमेंशिया यानी भूलने की बीमारी का खतरा नहीं था, जबकि जिन लोगों ने पेट्स पाले नहीं हुए थे या उनके पास बिल्ली या दूसरा कोई जानवर था, उनमें इस बीमारी के होने का ज्यादा खतरा मिला.

डॉग पालने वाले लोगों का टाइम मैनेजमेंट अच्छा होता है (Image-Canva)
वॉक करना दिल की सेहत के लिए अच्छा
वॉक करना बेहद जरूरी है लेकिन कई लोग इस बात को नजरअंदाज करते हैं. लेकिन जिन लोगों के पास डॉग होते हैं, वह हर रोज दिन में दो बार वॉक करते हैं. हर रोज वॉक करने से जहां मोटापा घटता है, वहीं दिल की सेहत दुरुस्त रहती है, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है, हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत बनती हैं. कुछ स्टडीज के मुताबिक हफ्ते में 5 दिन 30 मिनट की वॉक पेट्स ओनर के लिए काफी है.
ऐजिंग जल्दी नहीं होती
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया की स्टडी में सामने आया कि पेट्स पालने से इंसान जल्दी बूढ़ा नहीं होता क्योंकि वह खुश और तनाव मुक्त रहता है. वहीं जो लोग तनाव में रहते हैं, उनके चेहरे पर झुर्रियां कम उम्र में ही निकलने लगती हैं. पेट्स इंसान को सोशल और इमोशनल सपोर्ट देते हैं जिससे उन पर किसी भी तरह के स्ट्रेस का असर नहीं पड़ता.
बच्चों की बढ़ती है इम्यूनिटी
पेट्स नवजात शिशु की इम्यूनिटी को भी बढ़ाने का काम करते हैं. जो बच्चे पेट्स के बीच पले-बढ़े होते हैं, वह बाकी बच्चों के मुकाबले इंफेक्शन से दूर रहते हैं क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है. लेकिन अगर नवजात शिशु के होने के बाद पेट्स पाले जाएं तो वह इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं क्योंकि बच्चे की इम्यूनिटी इस स्थिति में मजबूत नहीं होती.
प्रेग्नेंट महिलाएं बिल्ली ना पालें
बिल्ली प्रेग्नेंसी के लिए ठीक नहीं है. प्रेग्नेंट महिलाओं को बिल्ली के आसपास बिल्कुल नहीं रहना चाहिए. अगर घर में बिल्ली आती है तो उसे भी प्रवेश करने से रोकना चाहिए. दरअसल उनके मल में एक टोक्सोप्लाजमोसिज नाम का पैरासाइट होता है जो अगर महिला के शरीर में चला जाए तो भ्रूण को नुकसान पहुंचता है और मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है.

जो लोग पेट्स ओनर होते हैं, वह बाकी लोगों से ज्यादा एक्टिव होते हैं (Image-Canva)
पेट्स पालने से अलग बनती पर्सनैलिटी
जो लोग डॉग या कैट पालते हैं, उनकी पर्सनैलिटी में जमीन-आसमान का फर्क होता है. पेट्स इंसान के व्यक्तित्व को धीरे-धीरे बदल देते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के शोध के अनुसार जो लोग कुत्ता पालते हैं, वह इमोशनल इंसान होते हैं. वह दूसरों से सहानुभूति और दया की भावना रखते हैं. खुले विचारों के साथ ही वह लोगों के साथ हर मुसीबत में खड़े रहते हैं. वहीं जो लोग बिल्ली पालते हैं, वह इंट्रोवर्ट होते हैं, जल्दी से दूसरों से घुलते-मिलते नहीं है, अपनी ही दुनिया में सीमित रहते हैं. उन्हें लोगों से बातचीत करना भी पसंद नहीं होता.
ऐसे रखें पेट्स का ध्यान
पेट्स को पालना आसान नहीं होता. इन्हें एक बच्चे की तरह देखभाल की जरूरत होती है. पशु चिकित्सक अमित गर्ग कहते हैं पेट्स की साफ-सफाई पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. साल में 2 बार उनकी डेंटल क्लीनिंग कराएं, गर्मी के मौसम में रोज नहलाएं और सदियों में हफ्ते में 1 बार. इसके अलावा वॉक पर ले जाते हुए उन्हें जूते पहनाएं. पेट्स के लिए खास तरह के जूते आते हैं जो उनके पंजों को गंदगी से बचाते हैं. हर रोज उनकी कंघी करें और हर महीने नाखून कटवाएं. कई लोग पेट्स को दूध पिलाते हैं जो गलत है. उनके लिए डेयरी प्रोडक्ट अच्छे नहीं होते. वहीं कुछ लोग जो खुद खाना खाते हैं, वह बिल्ली और डॉग भी दे देते हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए. इन्हें मीठा नहीं खिलाना चाहिए. इसके अलावा बिल्ली को मीट और अंडा देना उनके पेट को खराब कर सकता है. डॉग को नमकीन चीजें नहीं देनी चाहिए. इससे वह किडनी की बीमारी का शिकार हो सकते हैं. कुछ डॉग्स सब्जी और फल खाना पसंद करते हैं. उन्हें तरबूज, खरबूज, आम, पपीता, गाजर, टमाटर, पालक, आलू, शकरकंद खिलाया जा सकता है लेकिन अंगूर भूलकर भी ना दें.
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05 फरवरी, 2025, 18:15 ist