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खतरे की घंटी! कभी भी हो सकती है बकरी की मौत, जान के लिए काल है यह घातक बीमारी, जानें एक्सपर्ट्स की राय

एजेंसी:News18 झारखंड

आखरी अपडेट:

Enterotoxemia symptoms in goat: अगर आप भी बकरी पालन करते हैं, तो सावधान हो जाइए, ये खतरनाक बीमारी बकरियों के लिए कहर साबित हो रही है, जिसको लेकर एक्सपर्ट्स की कुछ खास टिप्स भी हैं.

एक्स

बकरी

बकरी कि तस्वीर

हाइलाइट्स

  • एंटरोटॉक्सिमिया बकरियों के लिए घातक बीमारी है।
  • टीकाकरण से एंटरोटॉक्सिमिया से बचाव संभव है।
  • संक्रमित बकरियों को स्वस्थ बकरियों से अलग रखें।

बोकारो. ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब पशुपालकों के लिए बकरी सबसे महत्वपूर्ण पशुधन मानी जाती है, लेकिन कई बार देखभाल की कमी और बाहरी संक्रमण के कारण बकरियां एंटरोटॉक्सिमिया (फड़किया) रोग की चपेट में आ जाती हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है और पशुपालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है.

इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, चास के प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार ने एंटरोटॉक्सिमिया बीमारी की रोकथाम और बचाव के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है. डॉ. अशोक ने लोकल 18 को बताया कि एंटरोटॉक्सिमिया एक गंभीर बीमारी है, जो मुख्य रूप से क्लोस्ट्रीडियम परफ़्रिंजेंस नामक जीवाणु से फैलती है.

क्या है लक्षण?
यह जीवाणु मौसम परिवर्तन और बाहरी वातावरण से बकरियों के शरीर में प्रवेश करते हैं और उनके पाचन तंत्र और किडनी को बुरी तरह प्रभावित करते हैं, जिससे पशु की मौत हो जाती है. इस बीमारी के लक्षण को पहचानना बहुत ही आसान है. एंटरोटॉक्सिमिया से पीड़ित बकरी बहुत सुस्त हो जाती है और उसे तेज बुखार हो जाता है, जिससे वह खाना-पीना छोड़ देती है. इसके अलावा, बकरी में पतला दस्त और खून भी देखने को मिलता है और पेट में तेज दर्द होने के कारण बकरी बार-बार अपने पेट पर लात मारती है.

एंटरोटॉक्सिमिया के बचाव के लिए डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि इस बीमारी के बचाव के लिए टीकाकरण ही सबसे कारगर उपाय है. बकरियों को इस बीमारी से बचाने के लिए साल में एक बार एंटी-इम्यून सिरम वैक्सीन का टीका जरूर लगाना चाहिए, क्योंकि बिना वैक्सीन के एंटरोटॉक्सिमिया का खतरा बकरी और उसके बच्चों में अधिक होता है.

इसके अलावा, एंटरोटॉक्सिमिया के संक्रमण से बचाने के लिए संक्रमित बकरियों को स्वस्थ बकरियों से अलग रखना चाहिए. बकरियों की नियमित साफ-सफाई पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें दूषित जगह पर बैठने या खाना देने से बचाना चाहिए. एंटरोटॉक्सिमिया के लक्षण दिखने पर तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.

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खतरे की घंटी! कभी भी हो सकती है बकरी की मौत, जान के लिए काल है यह घातक बीमारी

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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