
ये लक्षण दिखें तो महिलाएं हो जाएं सतर्क, छोटी लगने वाली ये समस्याएं हो सकती है बड़ी बीमारी की आहट!
एजेंसी:News18 Uttar Pradesh
आखरी अपडेट:
Mau: आजकल महिलाओं और बच्चियों में यूट्रस से संबंधित बीमारियां तेजी से फैल रही हैं. कई बार इनका कारण लापरवाही और हाइजीन क ख्याल न रखना होता है. आपको भी समस्या हो तो शुरुआती दौर में ही इलाज करा लें.

डॉक्टर गर्भाशय के बारे में जानकारी दे रहे हैं
हाइलाइट्स
- महिलाओं में यूट्रस की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं.
- सफेद पानी का स्त्राव हो तो साफ-सफाई का ध्यान रखें.
- संक्रमण से बचने के लिए समय पर इलाज कराएं.
कोमल। महिलाओं में यूट्रेस (बच्चेदानी) से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं और यह समस्या अब सिर्फ व्यस्क महिलाओं तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि छोटी बच्चियों में भी देखने को मिल रही है. अगर आप इस बीमारी से बचना चाहते हैं या पहले से ही इससे प्रभावित हैं, तो यह जानकारी आपके लिए काम की साबित हो सकती है. आज इस बारे में विस्तार से बात करते हैं.
क्या कहना है हेल्थ एक्सपर्ट का
प्रेमा मल्टी हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉक्टर मोनिका गुप्ता बताती हैं कि बच्चेदानी से जुड़ी समस्याएं छोटी बच्चियों से लेकर बुजुर्ग महिलाओं तक तेजी से फैल रही हैं. अगर सफेद पानी का स्त्राव अधिक हो रहा है या प्राइवेट पार्ट में दूसरी समस्याएं महसूस हो रही हैं, तो साफ-सफाई और सही देखभाल बेहद जरूरी हो जाती है.
हाईजीन का रखें ख्याल
छोटी लड़कियों को अपने हाइजीन का विशेष ध्यान रखना चाहिए. अगर वे स्कूल, कॉलेज या दूसरी जगहों पर सार्वजनिक टॉयलेट का उपयोग कर रही हैं, तो हमेशा स्वच्छ और सुरक्षित टॉयलेट का ही इस्तेमाल करें. गंदे टॉयलेट से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. आजकल कई ऐसे प्रोडक्ट आ गए हैं जिन्हें टॉयलेट पर डालने के बाद वॉशरूम यूज करने से बीमारी नहीं होती.
अगर मैरिड है महिला
मैरिड महिलाओं में इन्फेक्शन के खतरे अधिक होते हैं, क्योंकि यह संक्रमण दोनों तरफ से फैल सकता है. अगर पति को संक्रमण है, तो इसका असर पत्नी पर भी पड़ सकता है. इसलिए इस स्थिति में सतर्क रहना जरूरी है. अगर आपको संदेह है कि आप इस बीमारी से पीड़ित हैं, तो जल्द से जल्द अल्ट्रासाउंड कराकर विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लें.
बढ़ न जाए इंफेक्शन
संक्रमण अधिक बढ़ जाता है, तो यह बच्चेदानी में सूजन का कारण बन सकता है, जिससे कई तरह के बैक्टीरिया पनप सकते हैं. हालांकि, इस बीमारी का इलाज दवाओं के माध्यम से संभव है, लेकिन स्थिति गंभीर हो जाती है, तो ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ सकती है.
समय से करा लें इलाज
बिना ऑपरेशन के इलाज चाहते हैं, तो समय से उपचार करा लें. अधिकतर मामलों में यह इलाज प्रभावी रहता है, लेकिन सावधानी रखना जरूरी है. अगर बीमारी अधिक गंभीर हो गई तो बच्चेदानी को निकालना पड़ सकता है, जिससे भविष्य में मां बनने में कठिनाई आ सकती है. इसलिए समय रहते डॉक्टर की सलाह लें और जरूरी इलाज करवाएं.
अत्यंत,Uttar Pradesh
14 फरवरी, 2025, 09:52 IST