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शक्ति मंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव और प्रमुख सचिव के बीच अंतर जानते हैं

शिक्षा समाचार: हाल ही में आरबीआई के पूर्व गवर्नर शक्ति कांत दास को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव बनाया गया है. ओडिशा के भुवनेश्वर में 1957 में पैदा हुए शक्तिकांत दास 2018 से लेकर 2024 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे. अब 22 फरवरी को उन्हें देश के पीएम का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है. ऐसे में सचिव से जुड़ा एक और पद का नाम सामने आता है और वो है प्रमुख सचिव. आज हम आपको प्रधान सचिव और मुख्य सचिव में अंतर बताने जा रहे हैं.

आपको बता दें कि प्रधान सचिव प्रधानमंत्री कार्यालय का मुखिया होता है. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव और मुख्य सचिव, दोनों ही उच्च पदस्थ प्रशासनिक अधिकारी होते हैं, लेकिन उनकी भूमिका, कार्यक्षेत्र और नियुक्ति में महत्वपूर्ण अंतर होता है.

कौन होते हैं प्रधान सचिव

आपको बता दें कि प्रधान सचिव भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी होते हैं. प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव (Principal Secretary) प्रधानमंत्री का प्रमुख सलाहकार और वरिष्ठतम प्रशासनिक अधिकारी होता है. यह प्रधानमंत्री के लिए नीति निर्माण, प्रशासनिक कार्यों और महत्वपूर्ण सरकारी मामलों को देखता है. यह आमतौर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के वरिष्ठतम अधिकारियों में से चुना जाता है और प्रधानमंत्री ही इसकी नियुक्ति करता है. अगर बात करें प्रधान सचिव के कार्यों की तो यह प्रधानमंत्री को विभिन्न नीतिगत मामलों पर सलाह देता है इसके पास सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करने की ताकत होती है. इसके अलावा प्रधान सचिव प्रधानमंत्री कार्यालय का संचालन करता है और राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर पीएम को सलाह देता है.

कौन होते हैं मुख्य सचिव

अगर बात करें मुख्य सचिव की तो प्रधानमंत्री का मुख्य सचिव एक वरिष्ठ नौकरशाह होता है, जो प्रधानमंत्री के कार्यालय (PMO) में काम करता है. यह भी एक आईएएस अधिकारी होता है जो सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करता है. मुख्य सचिव आमतौर पर एक वरिष्ठ IAS अधिकारी होता है, जिसे प्रधानमंत्री की पसंद के अनुसार नियुक्त किया जाता है. यह पद कैबिनेट सचिव के समकक्ष माना जाता है लेकिन इसका काम पूरी तरह से प्रधानमंत्री के लिए लिया जाता है. मुख्य सचिव प्रधानमंत्री को घरेलू और वैश्विक मुद्दों पर जानकारी देता है और रणनीतिक सुझाव देता है. इसके अलावा मुख्य सचिव अलग अलग मंत्रालयों और सरकारी विभागों से जुड़े मामलों को प्रधानमंत्री के सामने पेश करता है और उनकी निगरानी करता है.

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कितनी होती है दोनों की सैलरी

आपको बता दें कि प्रधान सचिव का पद कैबिनेट मंत्री के पद के बराबर होता है. इनका मासिक वेतन आमतौर पर 2 लाख 50 हजार रुपये से भी ज्यादा होता है. इसके अलावा कई अलग तरह के भत्ते भी सरकार इन अधिकारियों को देती है. इन भत्तों में इन्हें आवास, गाड़ी, स्टाफ, मेडिकल सुविधाएं आदि मिलती हैं. तो वहीं अगर बात करें मुख्य सचिव की तो यह आईएएस अधिकारी होता है और इसकी मासिक तनख्वाह 2 लाख 25 हजार रुपये होती है.

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