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महाशिवरात्रि उपवास के दौरान क्या खाएं—सिर्फ पानी, फल या पूरी थाली? डॉक्टर से जानिए

एजेंसी:Local18

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Mahashivratri Upvas: शरीर को ऊर्जा देने के लिए उपवास बहुत महत्वपूर्ण होता है. महाशिवरात्रि का उपवास कैसे करें? क्या खाएं और क्या न खाएं? इस बारे में डॉक्टर गणेश जाधव ने जानकारी दी है.

शिवरात्रि व्रत के दौरान क्या खाएं—सिर्फ पानी, फल या पूरी थाली? डॉक्टर से जानिए

महाशिवरात्रि उपवास: क्या खाएं और क्या न खाएं

हाइलाइट्स

  • उपवास के दौरान पानी, भगर और रतालू अच्छे विकल्प हैं.
  • दही, छाछ, भगर, रतालू और फल उपवास में शामिल करें.
  • 24 घंटे का निरंकार उपवास करने से बचें.

प्राची केदरी/पुणे: भारतीय संस्कृति में उपवास का विशेष महत्व है और कहा गया है कि अन्न ही पूर्ण ब्रह्म है. जैसे प्रकृति में बदलाव अनिवार्य है, वैसे ही शरीर को भी बदलाव की जरूरत होती है. शरीर को ऊर्जा देने के लिए उपवास बहुत महत्वपूर्ण होता है. उपवास का मतलब है हल्का या सीमित आहार लेना. उपवास का मतलब है दैनिक आहार को छोड़कर शरीर की शुद्धि करना. आषाढ़ी एकादशी, महाशिवरात्रि, रामनवमी, हरतालिका, श्रावण महीना, नवरात्र जैसे व्रतों में उपवास का विशेष महत्व है. महाशिवरात्रि का उपवास कैसे करें? क्या खाएं और क्या न खाएं? इस बारे में डॉक्टर गणेश जाधव ने जानकारी दी है.

लोकल 18 से बात करते हुए डॉक्टर गणेश जाधव ने बताया है कि उपवास का मतलब है उप और वास, यानी जितना हो सके उपवास करना. अब अगर हम देखें तो उपवास के दौरान कई बार लोग बहुत सारा खाना खा लेते हैं, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार कहा गया है कि आपको केवल पानी पर रहना चाहिए. हालांकि, जिन लोगों के लिए पानी पर उपवास करना संभव नहीं है, उनके लिए भगर और रतालू अच्छे विकल्प हैं.

भगर पचाने में बहुत हल्की होती है
भगर में कैल्शियम, लोहा, फॉस्फोरस प्रचुर मात्रा में होते हैं, जिससे भगर पचाने में बहुत हल्की होती है. वजन कम करने में मदद मिलती है, हड्डियों को मजबूती मिलती है, ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और मधुमेह के रोगियों के लिए भगर एक संपूर्ण आहार है. दही, छाछ, भगर, रतालू और फलों को आहार में शामिल करना चाहिए.

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उपवास के दिन बहुत ज्यादा खाना या बिल्कुल न खाना, इन दोनों ही चरम स्थितियों से बचना चाहिए. खिचड़ी, तले हुए पदार्थ शरीर के लिए बहुत हानिकारक होते हैं, जबकि फल, कंदमूल, रतालू, फलों का रस लिया जा सकता है. निरंकार उपवास करते समय 12 से 16 घंटे का उपवास करना चाहिए, लेकिन 24 घंटे का निरंकार उपवास करने से थकान महसूस हो सकती है. इसलिए 24 घंटे का निरंकार उपवास करने से बचना चाहिए.

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