
Tulsi Benefits: नींबू तुलसी से सांप काटने का आसान इलाज, अपनाएं ये खास घरेलू नुस्खा, मलेरिया बुखार में संजीवनी
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Tulsi Benefits: भागलपुर के देवगिरी पहाड़ पर संतोष आनंद ने कपूर तुलसी और नींबू तुलसी के औषधीय गुण बताए. नींबू तुलसी सर्प दंश और धातु क्षीणता में, जबकि कपूर तुलसी मलेरियल फीवर में उपयोगी है.

कपूर तुलसी
हाइलाइट्स
- सर्प दंश और धातु क्षीणता में उपयोगी है नींबू तुलसी
- मलेरियल फीवर में फायदेमंद है कपूर तुलसी
- भागलपुर के देवगिरी पहाड़ पर मिलते हैं औषधीय पौधे
भागलपुर. भारत में प्राचीन उपचार पद्धति आयुर्वेद को माना जाता है और यहां पर औषधीय उपचार काफी प्रचलित था. विदेशों से भी लोग यहां इस उपचार के लिए आते थे. लेकिन धीरे-धीरे आयुर्वेद की विद्या कम होती गई और आयुर्वेदिक उपचार भी घटता गया. फिर भी लोग घरेलू नुस्खों और प्राकृतिक चीजों से उपचार करते हैं. आपने घर में बुजुर्गों को देखा होगा, जब आपको बुखार आता है तो हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा बनाकर पीते हैं या खांसी होने पर तुलसी का काढ़ा बनाते हैं. आपने अपने घरों में काली तुलसी और हरी तुलसी देखी होगी, जिन्हें राम तुलसी और श्याम तुलसी के नाम से जाना जाता है. लेकिन आज हम आपको दो और तुलसी के बारे में बताएंगे, जो आपने शायद ही कभी देखी या सुनी होगी. इनके फायदे भी गजब के हैं.
कौन-कौन सी तुलसी है बेहतर
भागलपुर पहाड़ी और समतली क्षेत्र दोनों के लिए जाना जाता है. यहां कई पहाड़ियां हैं, जहां औषधीय पौधे मिलते हैं. लोकल 18 की टीम जब भागलपुर के शाहकुंड स्थित देवगिरी पहाड़ पर पहुंची, तो वहां आयुर्वेद पद्धति से उपचार करने वाले संतोष आनंद से मुलाकात हुई. उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में कई औषधीय पौधे मिलते हैं, जिन्हें हम बेकार समझकर छोड़ देते हैं. उन्होंने बताया कि आपने राम और श्याम तुलसी तो देखी होगी, लेकिन इस पहाड़ी पर मैं आपको दो और तुलसी दिखाता हूं- कपूर तुलसी और नींबू तुलसी. जब हमने इन्हें चखा तो बिल्कुल कपूर और नींबू का स्वाद आ रहा था. हमने पूछा कि इस तुलसी का क्या काम है और यह कहां मिलती है, तो उन्होंने बताया कि यह तुलसी पहाड़ी क्षेत्रों में मिलती है और इसके अलग-अलग उपचार होते हैं.
क्या है इस तुलसी की खासियत
संतोष आनंद ने बताया कि नींबू तुलसी सर्प दंश और धातु क्षीणता में काम आती है, जबकि कपूर तुलसी मलेरियल फीवर में उपयोगी होती है. उन्होंने बताया कि कुल 60 प्रकार की तुलसी होती हैं और यहां 6 प्रकार की तुलसी मिलती हैं. बारिश के दिनों में यहां तुलसी वाटिका बनाई जाएगी, जिससे 60 प्रकार की तुलसी यहां मिल सकेगी.
भागलपुर,भागलपुर,बिहार
09 मार्च, 2025, 20:10 है