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बिहार के बड़े पैमाने पर मस्जिद में है 95 करोड़ का रिसॉर्ट, गैंग रेप की जांच में खुली अवैध कमाई की पोल

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ऑटोमोटिव संजीव हंस की अवैध कमाई पोल खुली। 20 से अधिक चर्च पर स्टॉक में खुला स्मारक का चिट्ठा. सरसों मीटर वालों को मिला लाभ तो सबसे पहले मिला मर्सिडीज!

पटना. बिहार में सीनियर सानिध्य सहायक संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के आरोपियों की जांच के दौरान पटना पुलिस को संजीव हंस की काली कमाई के कई आंकड़े मिले हैं। एडी ने संजीव हंस और गुलाब यादव के अवशेषों पर ऐसे कई दस्तावेज जब्त किए हैं जिनमें राज्य के अन्य दस्तावेजों के दस्तावेज भी शामिल हैं। गुलाब यादव के यहां चार बड़े शहरों में 20 से ज्यादा अवशेषों के अहम सबूत मिले हैं। बता दें कि संजीव हंस एवं संजीव हंस ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के साथ-साथ बिहार स्टेट पावर नागालैंड कंपनी लिमिटेड के सीएमडी भी हैं।

जा रहा है कि गैंग रेप की शिकार महिला को कई बार बंधक बनाया गया था, लेकिन बाद में इस महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। आरोप के मुताबिक, बच्चा गुलाब यादव और संजीव हंस के गैंग के बाद पैदा हुआ। लेकिन, किसी ने भी इस बच्चे को कोई भी नहीं बताया, लेकिन बाद में इसे अवैध बनाने के लिए अवैध मधुकर मिश्र के माध्यम से दो करोड़ रुपये के बच्चों के नाम पर मामला जमा कर लिया गया।

पटना स्टूडियो ने अपनी रिपोर्ट में संबंधित बयान दर्ज करते हुए लिखा है कि गुलाब यादव ने 2021 में भी अपने पिता को दिल्ली के बिहार में रहने के लिए बुलाया था। बिहार में फ्लैट लेने के लिए गुलाब यादव ने नये नाम से ब्रोकर से संपर्क किया। रेप की जांच के दौरान बड़े पैमाने पर पैसों के उत्खनन के साक्ष्य मिले। पटना की साइंटिस्ट रिपोर्ट में सुनील सिंह के बयान में स्पेशल विजीलेंस को आउटपुट देने का जिक्र किया गया है।

सुनील सिंह ने बताया कि चंडीगढ़ में संजीव हंस के एक रिसॉर्ट की कीमत 95 करोड़ रुपये है। यह सुरेश प्रसाद संगीतकार का नाम है। सुनील सिंह ने यह भी जानकारी दी है कि मराठों के पास एक मर्सिडीज कार थी। विश्वासपात्र ने सुनील सिंह के बयान के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर विश्वास के तरीकों से पुलिस स्पेशल सेल को भेजा। इसके बाद जांच गणितीय सिद्धांत में आ गया।

पाठ्यपुस्तक में टैब संजीव हंस और गुलाब यादव के स्टोरी पर दिखाया गया है। गवाहों ने गुलाब यादव और संजीव हंस की अवैध कमाई का पूरा ऑडिट किया, जोखा ने इस टीम को नामांकित किया। सबसे दिलचस्प बात यह है कि क्लासर्ल ने संजीव हंस की काली कमाई और छापे के साक्ष्य दिए हैं। बटुए की रकम तो प्रतिभूति के माध्यम से भारी पैमाने पर का घोटाला था। पुलिस ने ब्लैक मनी के दस्तावेजों के जरिए ब्लैक मनी के दस्तावेजों को भी उजागर किया है।

असली, संजीवनी हंस के हर कच्चे काले कारनामे की राजदार बन गई। पटना पुलिस के फ्लैट के विवरण नीचे दिए गए हैं। खाते से चॉकलेट का भी पूरा अकाउंट बुक किया गया है। असमंजस में भी फ्लैट प्लाजा जाने के साक्ष्य मिले हैं, जिसकी जानकारी पटना पुलिस को दी गई है। कार्ट को साबुत में वैगन गाड़ी के सामान के प्रमाण भी सामने आए हैं। गैंग कलाकार ने ही की ब्लैक मनी और कमाई के बारे में अहम सबूत

पासपोर्ट की रकम तो प्रतिभूति के माध्यम से बड़े पैमाने पर चुराई गई थी। पुलिस ने ब्लैक मनी के दस्तावेजों के सत्यापन की जांच माध्यम से की है। पुलिस अधिकारियों ने इस संबंध में विशेष जांच का निर्देश अनुसंधानकर्ता को दिया है। हंस के हर काम में राजदार बन गया। पटना पुलिस के फ्लैट के विवरण में खाते से चॉकलेट का भी विवरण दिया गया है।

पोर्टफोलियो के पोर्टफोलियो में जो प्रतिष्ठित हैं, उनके मुताबिक, संजीव हंस की पत्नी नवनीत और गुलाब यादव के साथ उनकी पत्नी रेजसी अंबिका बिजनेस इन्वेस्टिगेशन में हैं। महाराष्ट्र के पुणे में सीएनजी स्टेशन से लेकर ग्राउंड में भी बड़ी जांच की गई है। इसके अलावा दिल्ली में भी एक बड़ी प्रॉपर्टी की दुकान है। कई स्थानों पर निवेश के अनमोल रत्नों के हाथ लगे हुए हैं। अभी तक दिल्ली के कुछ वेंट्रॉन और छोटे निगमों की बात नहीं की गई है, यहां शेयर बाजार से जुड़े शेयर भी जब्त किए गए हैं, बड़े पैमाने पर स्टॉक के नमूने मिले हैं।

अब जांच एजेंसी से पता चला है कि काली कमाई के नेक्सस में कौन-कौन से लोग शामिल हैं। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा एक-एक करचक्रीय क्रमबद्ध किया जाएगा। संजीव हंस और गुलाब यादव की पत्नी के बैंक खाते से बड़े गोदाम के सबूत मिले हैं। हंस के घर से करोड़ों रुपये की विदेशी घ पेंटिंग भी जब्त की गई जिसमें कोई चिप्स नहीं हैं। यह मामला सामने आने के बाद इतना तो कहा ही जा सकता है कि बिहार के टॉप राइडर्स में अपना आधार जमा हो गया है और रॉ चिट्ठा अब खुलना शुरू हो गया है।

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