फिर नाकाम हुआ पाक के नापाक इरादे, संयुक्त राष्ट्र को निशाना बनाकर बीएसएफ ने किया मुंहतोड़ जवाब, भारी मात्रा में हथियार बरामद
पाकिस्तान से घुसपैठ: सीमा की ओर से लगातार हो रही नापाक कोशिशों को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने एक बार फिर नाकाम कर दिया है। इस बार में एक गिरोह ने घुसपैठियों को मार गिराने की कोशिश की है। जबकि, एक अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में एक अन्तर्राष्ट्रीय निवेश आया है। इसके अलावा, सैमुअल ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए हैं।
पहला मामला, भारत-पाकिस्तान की अंतरराज्यीय सीमा से सटे पंजाब के फाल्ज्का जिले के सरदारपुरा गांव का है। रात करीब 9:30 बजे एक संदी मार्शल पर लगी तलवारों की नजर बॉर्डर पर लगी फेंसिंग को पार करने की कोशिश कर रही है। सीमा पर उच्च संभावित सिचुएशन और मस्जिदों के खतरों को देखते हुए मोर्टार ने संदी आतंकियों के हमले की चेतावनी जारी की, लेकिन वह रुका नहीं। उसके बाद, मोर्टार के कैप्सूल गोलियाँ उसे जहाँ पर छेद कर दिया।
दूसरा मामला, पंजाब के चॉकलेटपुर बॉर्डर का है। अंतरराष्ट्रीय सीमा और सीमा सुरक्षा बलों के बीच संयुक्त राष्ट्र की भागीदारी नजर आई। सोल्जर के वकीलों ने तत्काल चेतावनी जारी करते हुए संदियुवाध को सरेंडर करने के लिए कहा। जिसपर संदि सोवियत ने वापस दुकान की तरफ से कोशिश की। घुसपैठिया अपने मंसुबे में सफल होता है, इससे पहले सहयोगियों के सहयोगियों ने उसे धरा न्यूज़ा दिया। संदि साझीदारों के निवेशकों से संयुक्त उद्यम शामिल हैं।
वहीं तीसरा मामला भारत-पाक सीमा की सीमा पर बसे अमृतसर के निसोके गांव का है। एस्ट्रिल ने बिल्डर्स के आधार पर गांव के एरिया में सूक्ष्मजीव अभियान चलाया था। यूएसएसआर अभियान के दौरान, एलएलसी ने सुबह करीब 7:30 बजे एक सूर्यास्त, दो पी.आई.आर.जी., 4 आर.ओ.जी., 40 राउंड कार्टिक्स को बरामद किया। इसके अलावा, चार इलुमिनेटिंग स्टिक लोकेशंस का भी अवशेष बरामद किया गया है। डीजेआई मैट्रिस 300 आरटीके को डीजेआई मैट्रिस 300 आरटीके से बरामद किया गया है। इसी तरह, दुकान की तरफ से दिन में तीन नापाक कोशिशों को नाकाम कर दिया गया है।
सीमा सुरक्षा से जुड़े वैरी ट्रस्टी अधिकारी के मुताबिक, रेजिस्टेंस की तरफ से भारत में कांस्टेबिल असिस्टेंट की घुसपैठ की कोशिश की जा रही है। साथ ही, डूबे हुए जहाज़ के पास से गुज़रने की कोशिश की जा रही है। वहीं, इन वैज्ञानिको की आर्थिक मदद के लिए डूबान के कारखाने कारखाने के कारीगरों की भी कोशिश की जा रही है। इन कारखाने में आर्थिक सहायता समूह के लिए बैचकर साइंटिस्ट की पेशकश की जाती है। सीमा पर कारीगरों की दुकान से हो रही हर कोशिश को नाकाम किया गया है।
पहले प्रकाशित : 5 जुलाई, 2024, 12:00 IST