गिरफ्तार होने की इतनी जल्दी क्यों है ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर, दिल्ली कोर्ट के जज ने कोर्ट रूम में पुलिस से की तीखी बहस – India Hindi News
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प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर: धोखाधड़ी और जालसाजी कर भारतीय राष्ट्रीय सेवा में हस्ताक्षर होने की अमूर्त ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेदकर की अग्रिम जमानत याचिका पर आज (बुधवार को) दिल्ली की पाली हाउस कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश न्यायिक कुमार जांगला अब गुरुवार शाम 4 बजे अपना निर्णय सुनाएंगे। इस बीच खादर ने आज आरोप लगाया कि उनके खिलाफ यह पुणे मामला दर्ज किया गया है, क्योंकि उन्होंने यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की थी।
खेदकर के वकील ने कहा, “मैं (खेड़कर) कलेक्टर के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की गई थी, इसलिए मेरे खिलाफ यह सब किया जा रहा है। मैं मीडिया के पास नहीं गया।” उनका यह भी तर्क है कि सेवा के तहत उन्हें अपना आरक्षण दिलाने का अवसर दिया जाना चाहिए।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, खेडकर के वकील ने अदालत से मुजरिमों की मांग करते हुए कहा कि उनके माता-पिता तलाकशुदा हैं। वह एक विकलांग महिला है लेकिन जिस सिस्टम को उनकी रक्षा करनी चाहिए, वहां उसे फिर से विकलांग बनाया जा रहा है। उन्होंने कोर्ट रूम में पूछताछ में कहा कि यूपीएससी उनके खिलाफ यह सब क्यों कर रहा है? क्योंकि वह एक महिला है?
इसके जवाब में दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस दोनों के वकीलों ने तर्क दिया कि इस मामले में दादागिरी के आदेश में पूछताछ जरूरी है क्योंकि गरीब खेदकर ने सिस्टम और समाज दोनों को धोखा दिया है। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने हाल ही में यूपी एससी की ओर से खेदकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की याचिका दायर की है।
पूजा खेडकर ने यूपी एसएससी परीक्षा पास करने के लिए अन्य वर्गों (ओबीसी) और विकलांग लोगों के बीच गलत तरीके से लाभ उठाने का आरोप लगाया है। दिल्ली पुलिस ने जब कोर्ट से पूजा खेडकर की गिरफ़्तारी का आदेश मांगा तो जज ने दिल्ली पुलिस की ओर से पेश लोक अभियोजक अतुल गुरु से पूछा कि क्या आपने पूरी जांच कर ली है और खेडकर को गिरफ़्तार करने की क्या ज़रूरत है?
इस पर फोटोग्राफर ने कहा कि वह बार-बार अपना रुख बदल रहे हैं, इसलिए ड्यूक में लेकर पूछताछ करना जरूरी है। इस पर जज ने फिर लोक अभियोजक से पूछा कि क्या आपको सारे रिकॉर्ड मिल गए हैं? इस पर सार्वत्रिक ने कहा कि अभी जांच प्रारंभिक अवस्था में है। इस पर जज ने दिल्ली पुलिस के वकील से कहा कि अभी आपकी जांच पूरी नहीं हुई है, प्रारंभिक स्थिति में ही है तो नाबालिग को गिरफ्तार करने की इतनी जल्दी क्यों मची है? इस पर साइंटिस्ट ने कहा कि अगर उन्हें मुजरिम मिल गया तो वह जांच में सहयोग नहीं करेंगे।