उत्तर प्रदेश

दिल्ली-एनसीआर यूपी में एससीआर बनेगा, योगी सरकार ने दी सौगात, इन टिकटों को मिलेगा फायदा

लखनऊ. उत्तर प्रदेश क्षेत्र में रविवार को उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) के साथ ही उत्तर प्रदेश न जूल अरेस्टमेंट, 2024 में भी जारी हो गया। इन दोनों सहयोगियों को योगी सरकार ने समय सीमा के अंदर विधानसभा क्षेत्र में निर्धारित समय-समय पर ऑनलाइन विज्ञप्ति जारी की और इस पर सदनों की मुहर लगाई। उत्तर प्रदेश राज्य महानगरीय क्षेत्र (एससीआर) के तहत सुजुकी मर्चेंडाइज पर स्टेट कैपिटल रिजन का गठन किया जाएगा। प्लास्टिक के होने के बाद प्लास्टिक और उसके पड़ोसी बेंजामिन, कबाड़ी, सिलिकॉन, और स्ट्रेंज को ग्रुप एस सीआर का गठन किया गया, इन में सैंडविच, सुपरमार्केट और तत्काल विकास होल प्लांट शामिल थे।

वहीं न जूल संपति स्टॉक एक्सचेंज 2024 के तहत सरकार ने इन जमीनों को निजी व्यक्तियों/संस्थाओं के पक्ष में पूर्ण स्वामित्व के रूप में घोषित करने के लिए न जूल लैंड को संरक्षित किया है, बल्कि इसका उपयोग केवल सार्वजनिक हित के लिए किया गया है। दोनों ही सचिवालयों को विधानसभा में वित्त संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रस्तुत किया। बैनामा होने के बाद विधानसभा को गुरुवार तक के लिए आवंटित कर दिया गया।

एसआईसी के संस्थान और तेज विकास को बढ़ावा मिलेगा
उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र एवं अन्य क्षेत्रीय विकास प्राधिकरणों का गठन सृजन-2024 के माध्यम से राज्य सरकार का उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण एवं अन्य क्षेत्रीय विकास प्राधिकरणों की स्थापना का प्रस्ताव है। इसके गठन के लिए राज्य सरकार पर किसी प्रकार का व्यय भार प्रस्तावित नहीं है। इसके अंतर्गत सभी 6 अपवित्रों के 27 हजार 860 वर्ग मीटर क्षेत्र को घटककर राज्य राजधानी क्षेत्र बनाया गया है। इससे इन सभी उद्यमों में तेज गति से विकास किया गया और यहां रहने वाले लोगों को पेशेवरों की आपूर्ति की सुविधा प्रदान की गई।

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वास्तुशिल्प वास्तुशास्त्र को बढ़ावा
क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण अपने क्षेत्र के लिए संबंधित विकास प्राधिकरण, निगम, स्थानीय निकाय एवं विभिन्न सरकारी जुड़ाव के सहयोग से क्षेत्रीय योजना तैयार करना चाहते हैं, जिससे क्षेत्र के समग्र विकास एवं गुणवत्तापूर्ण पूर्ण ढाँचागत ढाँचागत ढाँचागत ढाँचे को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के अंतर्गत अतिरिक्त क्षेत्र के तहत भंडारित ढांचागत ढांचे, जनसुविधाओं के लिए नामित क्षेत्र के विकास की आवश्यकता होगी। योजना गैट क्षेत्रीय विकास से आवासन, अवसंरचना, ऑटोमोबाइल, उद्योग आदि सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन में क्रांति होगी।

न जूल एट्रिब्यूट का सार्वजनिक उपयोग
वहीं, उत्तर प्रदेश में न जूल लैंड्स का स्वामित्व, 2024 के लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश में स्थित न जूल लैंड्स के निजी व्यक्ति या निजी संस्था के पक्ष में पूर्ण स्वामित्व के रूप में प्रतिनियुक्ति नहीं की जाएगी और न जूल लैंड्स के पूर्ण स्वामित्व वाली आवासीय सोसायटी किसी भी कोर्ट की संविधान या सिद्धांत के समसामयिक आवेदन, अस्वीकृत हो जायेंगे और अस्वीकृत समझ जायेंगे। यदि इस संबंध में कोई याचिका जमा नहीं की गई है, तो ऐसे जमा की जाने की तारीख से उसे भारतीय स्टेट बैंक की मरियल कास्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) की ब्याज दर पर कैलक इक्विटी जारी की जाएगी। न जूल लैंड के ऐसे लीजलेकर्स जैसे कि लीजलेकर अभी भी चालू है और नियमित रूप से लेजेज लॅान्चेर कर रहे हैं और एलॉट की किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया गया है, के पट्टियों को सरकार या तो ऐसी लीज पर सरकार समय-समय पर निर्धारित करती है जारी रखा जा सकता है या ऐसे ही पट्टियाँ प्रदर्शित की जा सकती हैं। पट्टे की अवधि की समाप्ति के बाद ऐसी भूमि सभी विलंगमों से मुक्त स्वतः राज्य सरकार में निहित हो जाएगी। इस अधिनियम के तहत न जूल भूमि का शून्य इसका एवं उपयोग केवल सार्वजनिक इकाइयों के लिए ही किया जाएगा।

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