बिहार

कौन है देश का सबसे बड़ा सोना लुटेर सुधा सिंह, जिसे लोग गोल्डन थीफ़ कहते हैं? पटना के बेउर जेल से होता है बड़ा-बस्ट कांड!

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पूर्णिया तनिष्क लूटकांड की साजिश बेउर जेल से रची गई थी।तनक लूट कांड में देश के सबसे बड़े सोना लूटेरा की भी भूमिका है।सुधा सिंह बिहार समेत 6 राज्यों में बड़े घोटाले को अंजाम दे चुके हैं.

पुरनिया. बिहार के पूर्णिया जिले के तनिष्क शोरूम में पिछले दिनों 2 करोड़ रुपए का सोना लूट कांड की साजिश रची गई थी। बिहार के सबसे बड़े पटना जिले के बेउर जेल में रची गई थी। असल में यह कोई पहला मामला नहीं है जब इस तरह का कोई बड़ा आपराधिक वर्सेवल की साजिश बेउर जेल के अंदर से रची गई थी। पहले भी बेउर जेल के अंदर कई बड़े कांडों की योजना बनाई गई थी। पटना के बेउर जेल में बंद छोटे से बड़े अपराधी कॉन्स्टेंट प्रशासन के लिए चुनौती बने हुए हैं। दोस्ती में से एक अपराधी है गोल्डन थाइफ (गोल्डन थीफ) सुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुंधे ‍बंह जो पिछले कई सालों से बेउर जेल में बंद है। सुधा सिंह को देश का सबसे बड़ा सोना लुटेरा (गोल्डन थीफ) भी कहा जाता है। अब ऐसे में सवाल है कि देश के सबसे बड़े सोने के लुटेरे पर पुलिस क्यों नहीं लग पा रही है।

जानकारी के अनुसार करीब 6 राज्यों में करीब 300 किलो सोना लूटने वाले गिरोह का सरगना यूएसएसआर का मुखिया अपने कारनामों के लिए पूरे देश में अपराध जगत में मशहूर है। बताया गया है कि सुधा सिंह गैंग किसी भी राज्य में सोना लूटने के लिए उड़ान भरता है। इसके अलावा जानकारी मिल रही है कि सुुुुुुुुुुुुुुुुुुंड्ा सिंह बेउर जेल में ही चेटे-मैटे क्रिमियां क्रीमेंट ट्रेनिंग देती है। कटनी के मन्नपुरम में 16 किलाे साेना और 3.50 लाख कैश लूटने वाले सुबाेध पर छह राज्यों के किले में 30 केस दर्ज हैं।

सूदखोर गिरोह ने करीब 300 किलो सोना लूटा

बता दें, 6 साल पहले सुजुकी को बंद कर दिया गया था। तब वह दानापुर में 15 किलाे साेना के मित्र से मिले थे। पटना में चार, एस्ट्रोके में चार और बिहार के बाहर के एसडीओ पर करीब 30 केस दर्ज हैं। जानकारी के अनुसार, दूसरे राज्य की पुलिस ने उसे स्टार्टअप पर नहीं ले पा रही है। बिहार के छह राज्यों में बंद करीब 300 किलाे साेना लूटने वाले गिराेह का किंगपिन सुुुुड सिंह पिछले 6 साल से बेउर जेल में बंद है। सुबाेध पर पटना के राजीवनगर और रूपसपुर में एक-एक और दाे केस दानापुर में दर्ज है।

सुधा सिंह पर 6 राज्यों में 30 केस दर्ज हैं

अपराध की दुनिया में गोल्डन थाइफ के नाम से डायनासोर सुबाेध में चार केस दर्ज हैं। बिहार से बाहर मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, बंगाल समेत छह राज्यों के राजाओं पर करीब 30 राज्य दर्ज हैं। सुशील सिंह बेउर जेल में रहते थे और वहां बंद चेटे-माटे अपराधियों का ब्रेनवाश कर उन्हें सेना लूटने की ट्रेनिंग देते हैं। वह उन्हें हर सुविधा देता है. यहां तक ​​कि उसने अपने गिरेह के लुटेरों को विमान से लूटने की खेप भेजी है। ट्रैक्टर प्लांट में या किराए के मकान में रहता है। घटना के बाद उसकी लूटेरे सड़क या ट्रेन से वापस निकल रहे हैं।

जेल से पूरा गिरोह सुधा सिंह संचालित करता है

26 नवंबर 2022 को मन्नापुरम जेल फाइनेंस में 16 किलाे साेना और 3.50 लाख कैश लूट में बिहार के सभी लुटेरे शामिल थे। एमपी पुलिस ने इसमें शुभीभम और स्वामित्व को गिरफ़्तार कर लिया था। ये दाेनाें पटना के ही थे. इन दाेनाें के अलावा कटनी में हुई इस बड़ी विश्विद्यालय में आेलौजा के एलोकाेश नीग्रो विकास, पटना के अर्जुन नीे वाे, बस्तर के मिथिलेश नाॅयाेगर पाल और अमित सिंह नीया विक्कू भी शामिल थे. ये सभी हाल के दिन एनआईए में ही बेउर जेल से छूटे हुए हैं। सूबेदार बेउर जेल से ही पूरा गैंग वॉयलेट ऑपरेट करता है।

इंटर्नशिप के पास है सूडान, एस्ट्रोजन से की थी शुरुआत

इंटरनैशनल पास में किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है. उसने सबसे पहले सेना के साथ मिलकर डायनासोर के अपराध को अंजाम दिया था. लेकिन, धीरे-धीरे उसने पूरा गिराएह खड़ा कर लिया। सुबेध मुथुट, मन्नापुरम या इसी तरह के संस्थान में हथियार के बल पर लूट या करवाता है जहां एक बार 15-20 किलाे साेना मिल जाए। चार साल पहले जनवरी 2018 में बिहार के अपराधियों ने सुबाेध वाया दानापुर से उस वक्त गिरफ्तार किया था, जब वह दोस्त से मिलने आया था। उसके शव से करीब 15 किलाे साेना और बैग से 15 किलाे साेना के दस्तावेज ही व देसी कट्टा बरामद हुआ था। तब से वह बेउर जेल में बंद है। खास बात यह है कि जब उसने पुलिस को पकड़ लिया तो उसने 50 लाख का ऑफर भी दे दिया।

पूर्णिया तनिष्क लूटकांड में अहम भूमिका

सुधा सिंह के खिलाफ पटना के दानापुर, रुपसुपर, हाजीपुर में चार केसों का ट्रायल चल रहा है। दूसरे राज्य के महाप्रबंधक की पुलिस से पहले उसे स्टार्टअप पर नहीं ले जा रही थी। हालांकि पिछले महीने बंगाल पुलिस की बटालियन सुधा सिंह को डेट पर ले जाया गया था. वह बराकपुर जेल में बंद है। बराकपुर का ही एक अपराधी पूर्णिया का तनिष्क शोरूम शामिल था। मतलब साफ है कि सुधा ने बेउर से लेकर पश्चिम बंगाल तक पूर्णिया के तनिष्क शोरूम लूट कांड में अहम भूमिका निभाई है।

चंदन को माना जाता है सुधांशु सिंह का दाहिना हाथ

बता दें, 2022 में डूबे हुए साेना लूट के दाैरान में वहां की पुलिस ने सुबाेध के एक गुर्गे गुट की सेना ने हमला कर दिया था. वहीं इसी दौरान गैंग का एक छात्र सदस्य भी गिरफ्तार हो गया। सूत्र के अनुसार, ऑर्केस्ट्रा में भी सुबेध के एक लुटेरे प्रतियोगी ने संगीतकार को मारा था। बिहार के सूबेदार सूबे के करीब 30 लूटेरें जेल भेजे गए हैं। सूद के अलावा बेउर जेल में बंद चंदन सुधा सिंह का दाहिना हाथ भी तनिष्क लूट कांड में अहम भूमिका निभा रहा है।

रही जेल की व्यवस्था में सुधार क्यों नहीं?

अब सवाल यह है कि जेल के अंदर व्यवस्था मजबूत होने का दावा किया जाता है। लेकिन, इसके बावजूद दिलचस्प साजिश रचने में सफलता क्यों मिलती है। इस बारे में राष्ट्रीय पौराणिक कथाओं के अनुसार बागान पुलिस बागान शिवचंद्र प्रसाद सिंह का कहना है कि इसके लिए कई कारण जिम्मेदार हैं। सबसे बड़ा कारण जेल की आंतरिक व्यवस्था का ख़राब होना, विशेष उद्यमों की विफलता भी इसका एक मुख्य कारण है। वहीं इन दिनों पटना पुलिस ने बेउर में अपनी बढ़त बढ़ा दी है। जेल प्रशासन की मदद से लगातार जेल के अंदर कार्रवाई जारी है। पटना के सिटी एसपी प्रकाश चंद्रा का मानना ​​है कि जेल की व्यवस्था को लागू करना बेहद जरूरी है और इसके लिए प्रयास भी जारी है।

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