बिहार

50 साल बाद गया में भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू, इन जमीन सर्वेक्षण का काम अपने पास रखें…

गया : ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनी सर्वेक्षण का काम शुरू हो गया है। इस सर्वेक्षण से नगर निगम को मुक्त कराया गया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के इस सर्वेक्षण के लिए सभी 24 खंडों में शामिल हों। बताया जा रहा है कि इस तरह का स्पेशल सर्वे 50 साल बाद हो रहा है। वर्षों से लोगों की जमीन, पिता और दादा के नाम से चल रहे हैं। इस सर्वे के बाद सभी कुछ डिजिटल होगा।

एक साल में इस काम को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जुलाई 2025 तक सर्वे का काम पूरा हो जाएगा। सभी आंचलों के लिए एक विशेष सहायक पुरातत्व सर्वेक्षण, प्रत्येक चार राजस्व सर्वेक्षण क्षेत्र पर एक विशेष सर्वेक्षक अमीन, इसके अलावा प्रत्येक बड़े आंचल में दो और छोटे अंचलों में एक विशेष सहायक अभिलेखों की प्रतिकृति दी गई है। इस प्रकार में कुल 12 विशेष सहायक बंदोवस्त स्टॉक, कुल 32 कानूनगो, 38 कार्मिक और 495 सर्वेक्षण अमीन स्टॉक दिए गए हैं।

शिक्षक डॉक्टर त्यागराजन एसएम ने कहा कि विशेष सर्वेक्षण में सभी को सहयोग करना चाहिए। ग्राम सभा में अमीन, कानूगी, सर्वेक्षक सहायक, एसोसिएट एसोसिएट। सर्वेक्षण में जमीन की सही पैमाईश और अनियत के रिकार्ड का सत्यापन होगा। रिकार्ड के सत्यापन से जमीनी विवाद में कमी आएगी। सर्वेक्षण के बाद सभी रिकॉर्ड डिजिटल हो जायेंगे। डिजिटल कैमरे का संशोधन करना सबसे आसान होगा। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में प्लाट प्राप्ति। जमीन के सभी अपडेट से खरीद-बिक्री आसान होगी। कृषि, सिंचाई और अन्य योजनाओं से सही जीवन-यापन का लाभ मिलेगा।

किस्तवार और खानापूरी के समय रयत सुविधाजनक बने रहें। जमीन का विवरण चौहदी के साथ पपत्रा-2 में खेसरावार स्मारक शिविर में जमा करें। जमीन की मेढ ठीक कर लें और उसे सीमांकित करें। खतियान की नकल यदि उपलब्ध हो तो जमा करें। मृत जमाबंद रैयत की मृत्यु की तारीख और मृत्यु प्रमाण की फोटो कॉपी जमा करें। हीरे होने का प्रमाण पत्र सिलिकॉन उपलब्ध है। न्यायालय का कोई आदेश हो तो उसके सहयोगी बने रहें।

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