बिहार

एक-एक कर बीमार पड़े इस गांव के लोग, देखते ही देखते डेढ़ दर्जन लोग हो गए इस बीमारी का शिकार- इस गांव के लोग एक-एक कर बीमार पड़ने लगे, देखते ही देखते डेढ़ दर्जन लोग इस बीमारी के शिकार हो गए। पूरे गांव में डर का माहौल है.

जमुई. जिले के खैरा खंड क्षेत्र के जीतिंगोई गांव में एक के बाद एक लोग बीमार होने लगे। हाल ही में इस गांव के घरों में लोगों को परेशानी होने लगी है। उसके बाद उन्हें इलाज के लिए भर्ती कराया गया। देते ही देखते गांव के विचारधारा वाले लोग इस बीमारी का शिकार बन गए। अजीबो-गरीब इलाज अब अलग-अलग तरह से किया जा रहा है।

जमुई जिले के खैरा तटबंध क्षेत्र के जीतझिनगोई गांव में डायरिया का खार देखने को मिलता है और इस बीमारी ने अब तक गांव के आकार से अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। लोगों को लगातार उल्टी और दस्त की शिकायत की जाती है और उन्हें अलग-अलग श्रेणी में भर्ती किया जाता है, जहां उनका इलाज किया जा रहा है।

एक दिन पहले भी हुआ था खुलासा, मेडिकल टीम ने किया था इलाज
ये हैं गांव के दिलखुश कुमार (10), रिशु कुमार (3), चिकित्सक कुमार (6), तनुजा कुमारी (1), मो. तामीर राजा (7), मो. तबरेज आलम (4), खुशी कुमारी (2.5), आदित्य कुमार (14), पीयूष कुमार (11), रूना देवी (55), माटो वकील की पत्नी के अलावा भी कई लोग डायरिया से अलग हैं, जिनमें अलग-अलग जगहों पर भर्ती शामिल है यह हुआ है. जिसमें उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद अलग-अलग जगह इलाज के लिए भर्ती की जाती है।

इस गांव में करीब दो हफ्ते पहले भी डायरिया का प्रकोप सामने आया था, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और एक किसान का करीबी व्यक्ति अक्रांत हो गया था। इसके बाद स्थिति में नियंत्रण देखने को मिला। लेकिन पिछले 24 घंटे में यहां डायरिया के दो से अधिक जिज्ञासु कलाकार गए हैं। आधे आधे लोगों की स्थिति काफी गंभीर बताई जा रही है।

मेडिकल टीम कैंप गांव में कर रही है
गांव के निवासी कई लोगों को रविवार से ही उल्टी और दस्त की शिकायत हुई। जिसके बाद ग्रामीण चिकित्सकों द्वारा लोगों का इलाज शुरू किया गया। देखते-देखते लोगों की स्थिति काफी खराब हो गई और उन्हें इलाज के लिए रसेल स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। जहां से कई लोगों को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

गांव में डायरिया का प्रकोप आने वाले दिनों में इसकी सूचना सिविल सर्जन डॉ. द्वारा दी जाएगी। कुमार महेंद्र प्रताप की मृत्यु हो गई। जिसके बाद मस्क पर मेडिकल मेडिकल टीम द्वारा गांव में लोगों का इलाज किया गया। चिकित्सा डॉ. नवल किशोर गांव ने लोगों का हाल-चाल लिया और उन्हें दवा दी। इस दौरान जिन लोगों की हालत बेहद खराब थी उन्हें इलाज के लिए खैरा साइकल स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया और वहां उनका इलाज चल रहा है।

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