बिहार के युवाओं को मिली विदेश में नौकरी, आईजीआईए पर पीएलईएन कैप्चर, सामने आई ऐसी सच्चाई, शेयर की गई जमीन
हवाई अड्डा समाचार: विदेश में नौकरी पक्की होने की खबर मिली ही थी धनंजय की खुशी आकाश में पहुंच गई थी। अब कुछ ही दिनों बाद उसे अपने सपनों के शहर की खोज करनी थी। विदेश में नौकरी पक्की होने की ख़ुशी में हवाई टिकट और पासपोर्ट पर वज़ीर भी लगकर आया था। विदेश जाने से जुड़े सारे सामान पूरे करने के बाद धनंजय 30 जुलाई को फ्लाइट ब्लास्ट के लिए स्वतंत्रता के लिए इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंच गए।
गोलापगंज (बिहार) के कंजनपुर गांव में रहने वाले 26 साल के धनंजय को छोड़ने के लिए वे कई अपने आईजीआई एयरपोर्ट तक आए थे। डेल्ही से विदाई के बाद डेंजन्टिन टर्मिनल थ्री में प्लेसमेंट हो गया। चेक-इन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसने आप्रवासन के काउंटर पर पहुंचने के लिए डॉकक्यूमेंट की जांच की। स्टोर डॉक्यूमेंट्री की जांच के दौरान एक ऐसी सचाई सामने आई, जिसे देखने के बाद धनंजय के स्टेस्टिक्स की जमीन खिसक गई।
होटल से किर्गिस डोमेन के लिए जाना था
असल में, धनंजय की पहचान एयरपोर्ट से पहले फ़्लोरिडा और फिर वहां से किर्गिस्तान के लिए हुई थी। धनंजय के अनुसार उन्हें नौकरी भी किर्गिस बाज़ार में मिली थी। ब्युरो ऑफ इमिग्रेशन की जांच में पता चला कि धनंजय के पासपोर्ट पर लगा किर्गिस डॉमिन का सरदार फर्जी है। इस खुलासे के बाद धनंजय को आप्रवासन के ब्युरो के अधिकारियों ने न्याय में ले लिया।
शुरुआती पूछताछ के बाद ब्युरो ऑफ इमिग्रेशन ने एयरपोर्ट पुलिस के गोदाम में घुसपैठिए धनंजय को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, एयरपोर्ट पुलिस ने पासपोर्ट के खिलाफ भारत नित्य संहिता की धारा 318(4)/336(3)/340(2)/61 और 12 पासपोर्ट के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में धनंजय ने बताया कि उसे यह वीर रहमत नामक एजेंट से मिला था।
दो लाख में किर्गिस स्मारिटन का स्वामी था
उन्होंने खुलासा किया कि रहमत से मुलाक़ात मु.ना. सिंहा ने एक शख़्स से की थी। वजीरे के जादूगर में दो लाख रुपये लगे थे। आईजीआई एयरपोर्ट की हितैषी उषा रंगनानी के और अनाथालय म्यूनिखना सिंह रहमत की तलाश के लिए सोसाइटी के हितैषी सुमित के नेत्री सिद्धांतों में एक साधारण पेशेल टीम का गठन किया गया था। मूल निवासी रहमतुल्ला असारी को बिहार के गोपालगंज से गिरफ्तार किया गया है।
पहले प्रकाशित : 7 अगस्त, 2024, 17:18 IST