झारखंड हाईकोर्ट ने बांग्लादेश से अवैध आव्रजन पर राज्य सरकार को चेताया – अमर उजाला हिंदी न्यूज लाइव
झारखंड उच्च न्यायालय
– फोटो : एएनआई
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बांग्लादेश से अवैध तरीकों से यात्रा झारखंड में प्रवेश लेने के लिए लेकर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आगाह किया है। साथ ही कोर्ट ने संथाल परगना के माध्यम से राज्य में अवैध तरीके से आबादी वाले लोगों पर तुरंत कार्रवाई का निर्देश दिया है।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद और रैनाट अरुण कुमार राय के खंड ने डैनियल डेनिश द्वारा नमूना याचिका गुरुवार को सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि बांग्लादेश में अवैध प्रवासन की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
पृष्ट ने गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक, विभाग के निदेशक, भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के अधिकारियों को मामले में पक्षकार बनाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सभी को नोटिस जारी करते हुए मामले में जवाब देने का आदेश दिया।
अवैध प्रवासन मामले पर राज्य सरकार को रोक लगा दी गई थी
झारखंड उच्च न्यायालय ने कुछ दिन पहले अवैध प्रवासन के मामले में राज्य सरकार को झटका नहीं दिया था। एक डिफॉल्ट फाइल में दावा किया गया था कि बांग्लादेश से अवैध प्रवासन संथाल परगना में रहने वाले पर्यटकों को यहां की आबादी प्रभावित कर रही है। ई-कॉमर्स पत्रिका का संग्रह जारी है।
अवैध अप्रवासी जमीन हासिल करने के लिए सीमांकन से शादी कर रहे हैं
विध्वंस दाखिल में आरोप लगाया गया था कि बांग्लादेश से अवैध अप्रूवल का कारण संथाल परगना के सामाजिक पोर्टफोलियो पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अवैध अप्रवासी जमीन हासिल करने के लिए सीमांकन से शादी कर रहे हैं।
7200 से अधिक छात्र भारत से अलग: केंद्रीय मंत्री
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने संयुक्त राज्य अमेरिका से पूछा कि अब तक बांग्लादेश से भारत वापस आये लोगों की संख्या कितनी है? किस पड़ोसी देश से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए कोई विशेष अभियान शुरू किया गया है? उन्होंने जवाब देते हुए बताया कि 18 जुलाई से एक अगस्त 2024 तक 7200 से ज्यादा भारतीय छात्र बांग्लादेश से भारत लौटे हैं। उन्होंने बताया कि उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार, बांग्लादेश में 9000 से अधिक छात्र रहते हैं जिनमें लगभग 19000 भारतीय नागरिक शामिल हैं।