वर्षा ऋतु में पशु चारे का प्रबंधन कैसे करें, कृषि पशु वैज्ञानिक से सीखें विधि-बरसात के मौसम में पशु चारे का प्रबंधन कैसे करें, कृषि पशु वैज्ञानिक से सीखें विधि
बेगूसराय: त्याग और तपस्या का दूसरा नाम किसान है। कृषि उसकी भक्ति है और कृषि उसकी अपनी शक्ति है। ऐसे ही प्रगतिशील किसानों के बच्चों से संबंधित नई जानकारी की जानकारी के लिए लोकल 18 पर हम रोज नई कहानियां लेकर आते हैं। तो आइए आज की कहानी में आपको बताते हैं, बारिश के मौसम में हम हरे रंग से जुड़े किसान द्वीप को हरा चारा के रूप में कैसे शामिल करें?
यह तो आप जानते हैं कि हरे के मौसम में किसान भाइयों के सामने साये के आहार के लिए आम तौर पर हरे चारे की मात्रा अधिक होती है। किसान यह तो जानते हैं कि दूधारू सीताफल से अधिक दूध का उत्पादन तभी लिया जा सकता है, जब उसके भोजन में हरा चारा का समावेशन हो। तो कोरिया को हरा चारा का समावेशन और बारिश के मौसम में विशेष देखभाल के लिए जिला कृषि विज्ञान केंद्र, गोवांदपुर के पशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दीपक से।
बैल के मौसम में समुद्र के भोजन में हरा चारा का समावेश आवश्यक है
पुरातत्व के विक्रमपुर गांव के किसान रामसागर सिंह ने बताया कि पेड़ के मौसम में श्रीलंका को हरा चारा तो देते ही हैं, इसके अलावा सूखे पेड़ को हरा चारा अधिक मात्रा में देते हैं। इसी तरह की आशा रहती है कि दूध अधिक मात्रा में मिल पा रही है। लेकिन सीताफल को चार देने की यह तकनीक बिल्कुल गलत है। इससे दोस्तों में डायरिया होने का खतरा रहता है। इसके साथ ही दूध का सेवन करने वाले के साथ इसमें दिखने वाले भी बीमार पड़ जाते हैं। मौसम के आधार पर सीता की देखभाल करना होता है।
पशु विज्ञान अधिकारी डॉ. इम्पी ने लोकेल 18 बिहार से सागर के समुद्र में गहनों के विशेष देखभाल को लेकर बताया कि सागर के सागर में कुमार को और अधिक तो चार में फंगस हो जाएंगे। ब्लूज़ के सीज़न में हरा कैरा सबसे ज़्यादा होता है। आलू को हरा चारा देने से पहले 20% तक धूप में सुख देना चाहिए। इसके साथ ही हरा चारा दान के साथ भूसा का भी समावेशन आवश्यक है। अगर आप समुद्र तट को दाना दे रहे हैं तो दाना में भी फंगस होता है इसे भी सुखा कर ले जाएं। बैल के मौसम में ये बातें विशेष प्रोविजनल किसानों को रखनी चाहिए। बिहार झारखंड में जुलाई अगस्त और सात महीने में किसानों को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
पहले प्रकाशित : 9 अगस्त, 2024, 21:52 IST