झारखंड

रांची कोर्ट ने झारखंड के पूर्व मंत्री की जमानत याचिका खारिज की; उन्हें प्रभावशाली व्यक्ति बताया – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव – झारखंड:अदालत ने खारिज की पूर्व मंत्री आलम की जमानत याचिका, कहा

रांची की अदालत ने झारखंड के पूर्व मंत्री की जमानत याचिका खारिज की, उन्हें प्रभावशाली व्यक्ति बताया

सांकेतिक चित्र
– फोटो : एनीनी (एफएएफए)

: …


झारखंड की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री आलम आलम की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि एक ठोस व्यक्ति होने के नाते वास्तविक साक्ष्यों को छुपाया जा सकता है और गवाहों को प्रभावित किया जा सकता है।

ट्रेंडिंग वीडियो

जज प्रभात कुमार शर्मा ने कहा, धनशोधन का अपराध राष्ट्रीय हित के लिए आर्थिक खतरा है। सामुदायिक समाज और शेयर बाजार की बिना योजना के तहत निजी लाभ के मसौदे से इसे अंजाम दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जेल के नियमों के लिए धनशोधन एक अपवाद है और जेल के नियमों में विभिन्न समानताएं शामिल हैं।

कांग्रेस को निदेशालय निदेशालय (ईडी) ने 15 मई को रांची कार्यालय में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। आलम ग्राम विकास मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। उन्होंने नियमित रूप से जमानत के लिए अदालत का रुख अपनाया। जिसमें कहा गया था कि वह बेबुनियाद हैं और उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है, जैसा कि आरोप लगाया गया है और उनके खिलाफ कोई कानूनी सबूत नहीं है क्योंकि इस मामले में उन पर संदेह का आधार बनाया गया है।

आलम के वकील ने कोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ गलत काम करने का कोई ठोस सबूत नहीं है। यह मामला राजनीतिक से प्रेरित और बदलाव के खुलासे का हिस्सा है। उन्होंने अदालत से कहा कि मामले में तथ्यात्मक आधार की कमी है और बिक्री की प्रतिष्ठा को कम करने का इरादा है।

उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने धनशोधन स्टॉप एसी (पीएमएलए) के तहत लाॅकडाउन के तहत लाॅकडाउन में लाॅकडाउन के तहत लाॅकडाउन में गिरफ्तार किया था। उन्होंने कहा कि वह उच्च रक्तचाप और वृद्धावस्था के अन्य चिकित्सकों जैसे स्वास्थ्य से जुड़े मरीजों से पीड़ित हैं। इसलिए इन आधार पर उन्हें ज़मानत दी जानी चाहिए।

वैधानिक विरोध प्रदर्शन करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री होने के नाते आलम आलम एक सशक्त व्यक्ति हैं। एजेंसी ने कहा, जांच के दौरान साक्ष्यों से मिले साक्ष्यों से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि सह-आरोपी शेयर बाजार राम पुल और सड़क निर्माण के लिए सरकारी काम के टेंडरों और निष्कर्षों के लिए 1.5 प्रतिशत निश्चित छूट या कमीशन लिया गया था। उनके (राम) बुजुर्गों और राजनेताओं के बीच में पिटाई की गई थी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *