बिहार

सॉल्वर गैंग का बड़ा खुलासा! 6 से 10 लाख में थी थी सजावट! सिर्फ बिहार पुलिस परीक्षा ही नहीं इन एजेंसियों में भी कर रहे थे सेटिंग

सारन. बिहार पुलिस की जांच में सॉल्वर गैंग के गिरोह के शामिल होने के बाद पुलिस इस गिरोह के गिरोह को टटोल रही है और रोज नए खुलासे हो रहे हैं। एक बार फिर पुलिस ने उदय ओझा सॉल्वर गैंग के तीन सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की जांच में अब नए खुलासे भी हो रहे हैं और सिर्फ बिहार पुलिस में ही सीटेट (सीटीईटी), एसटेट (एसटीईटी), सीमेट, आइओसीएल (आईओसीएल) के जेई समेत अन्य परीक्षाओं में भी सेंटरों से मिली भगत कर छात्र-छात्रा को पास करने के लिए सेटिंग का खुलासा हुआ है।

इस पूरे अभियान का नेतृत्व करते हुए मस्जिद एसपी राज किशोर सिंह ने बताया कि सक्रिय पुलिसिंग के तहत सिपाही भर्ती परीक्षा के उदय अपराधी गिरोह के 3 सदस्यों को रात में गिरफ्तार किया गया। अब तक इस पूरे मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जो इस गैंग से किसी तरह जुड़े हुए थे. असली भगवान बाजार थानटार्गट छात्रधारी बाजार में 7 अगस्त को इम्प्रूवमेंट कर सॉल्वर गैंग के 3 सदस्यों को गिरफ्तार कर अपहरण के दस्तावेज और अन्य उपकरण बरामद किए गए थे।

इस संबंध में भगवान बाजार थाना कांड संख्या- 405/24 कांड दर्ज किया गया था। राज किशोर सिंह ने बताया कि प्रौद्योगिकी अनुसंधान और मानव विज्ञान आसूचना संकलन के क्रम में बात यह है कि प्रकाश में आई कि चोपड़ा में उदय ओझा सॉल्वर गैंग सक्रिय है, जो कुछ कोचिंग लीडर और कुछ सेटर के बीच मिलकर सॉल्वर गैंग को ऑपरेट करता है और आगामी तारीखें देता है। होने वाली सोल्जर भर्ती परीक्षा में परीक्षार्थियों को ब्लूटूथ और अन्य उपकरणों के माध्यम से पेपर सॉल्वये करवा जाने की योजना है। इस कांड के अनुसंधान के दौरान सॉल्वर गैंग के 3 अन्य सदस्यों रविकेश कुमार सिंह, रणधीर कुमार मिश्रा और संगीतकार कुमार मिश्रा को गिरफ्तार किया गया था।

इन्स्टॉलेशन से लिया गया ब्लैंक चेक

गिरफ़्तार आरोपियों ने यह बात स्वीकार की है कि उनका गिरोह सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए CTET, STET, CMAT, IOCL के जेई परीक्षाओं में ऑफ़लाइन परीक्षा लेने वाले पटना और छपरा के अन्य सेटरों से मेमोरियल लेकर प्रतिभागियों के पास परीक्षा के लिए सेंटिंग करते थे। बताया गया है कि जो भी छात्र इच्छुक थे, उन्होंने सबसे पहले अपना मूल प्रमाण पत्र रखा था और उनके अभिभावकों से ब्लैंक चेक लिया था, जिसमें 6 से 10 लाख रुपए तक की रकम शामिल थी। बैंक के पास होने के बाद प्रमाण पत्र तब वापस लिया गया जब चेक कैश हो गया था।

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