हाईकोर्ट ने देवघर के पूर्व डीसी के खिलाफ सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर को खारिज कर दिया – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव
झारखंड उच्च न्यायालय
– फोटो : एनीनी (एफएएफए)
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झारखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को पूर्व अविश्वास प्रस्तावक गांधीनाथ भजंत्री के खिलाफ एफआईआर रद्द कर दी। देवघर के कुंडा पुलिस स्टेशन में गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत दर्ज की गई थी। जिसके बाद से भजंत्री लैपटॉप का सामना कर रहे थे।
डबने ने राजद्रोह और सरकारी आलोचना के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए 31 अगस्त, 2022 को दिल्ली में उनके खिलाफ एक शून्य विवरण दर्ज किया था। जिसके बाद देवघर के कुंडा पुलिस स्टेशन में स्थानांतरण कर दिया गया था। प्यारे संजय कुमार ने केस की सुनवाई की। जिसके बाद उन्होंने भजंत्री के खिलाफ़ मूर्तियाँ और गिरजाघरों को रद्द कर दिया।
पूरा मामला स्थान से शुरू हुआ
भजंत्री ने अगस्त 2022 में देवघर के कुंडा थाने में एक ड्रामा दर्ज किया था, जिसमें निशिकांत कश्यप के साथ-साथ मंदसौर मनोज तिवारी और उनके दो बेटे कनिष्कान्त कश्यप और माहीकांत युग समेत अन्य लोगों ने भी प्रस्तुति दी थी। पूर्व में आरोप लगाया गया था कि सभी नौ लोगों ने देवघर हवाई अड्डे पर एटीसी कक्ष में बमबारी और उड़ान की सजा के लिए स्वीकृत लेकर सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया था।
भजंत्री ने बयान में क्या लगाया आरोप
इस दावे के साथ हमारे और भजनत्री के बीच ट्विटर पर विवाद हो गया था। परिभाषा के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रात में उड़ान या ढलान पर हवाई हमले की कोई सुविधा न होने के बावजूद एटीसी से विशेष विवरण जारी किया गया। अधिकारियों ने बताया कि सभी नौ लोगों के खिलाफ विमान अधिनियम के अलावा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
उच्च न्यायालय ने दिया था ये आदेश
इसके बाद जॉय ने दिल्ली पहुंच कर भजंत्री के खिलाफ एक शून्य बयान दर्ज किया। जिसे भजंत्री ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने इससे पहले इस मामले में पेशी और अफनी डेलीगेशन के लिए नोटिस जारी किया था। पीठ ने इसके खिलाफ यह भी आदेश दिया था कि पीठ के समसामयिक आवास तक भजन्त्री के लिए कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा।