मध्यप्रदेश

एमपी की ‘तलवारबाज बहन’, एक साथ 4 तलवारें बजाने में माहा, 30 दिन में कर ट्रेंड हैं ट्रेंड

सतना : समाज में अपने जीवन को निस्वार्थ भाव से निबंधों की सेवा में समर्पित करने वाले लोग कम ही देखने को मिलते हैं। ऐसे लोग, जो समाज की सेवा करना चाहते हैं, वे हर समय वेबसाइट के लिए कुछ कर टोकन का जज्बा कूट-कूट कर भरा रहता है। हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश की पहली तलवारबाज़ महिला प्रशिक्षक, जन्नत उतैली निवासी क्षत्रिय आरती सिंह की।

नारी सुरक्षा के लिए नियुक्त
आज के समय में युवतियां और महिलाएं जिस तरह से अपराध कर रही हैं, हर जगह महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। इसी स्थिति को बनाए रखने के लिए आरती सिंह ने युवाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए नि:शुल्क तलवारबाजी सिखाने का बीड़ा उठाया है।

तीन साल की निःशुल्क सेवा
पिछले तीन सालों में आरती सिंह ने 50 से ज्यादा युवतियों और महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए तैयार किया है। निश्चित समय में, आरती हर दिन 10-15 बच्चों के बच्चों द्वारा सुबह और शाम को संचालित की जाती है। तलवारबाज़ी सीखने के बाद ये युवा आत्मरक्षा के लिए हरदम तैयार रहते हैं।

रानी लक्ष्मीबाई से प्रेरणा
आरती सिंह बताती हैं कि उन्हें रानी लक्ष्मीबाई की जीवनी से प्रेरणा मिली। इसके बाद, उन्होंने मन में प्रार्थना की कि वे युवतियों और महिलाओं को इतने सारे कलाकार बनायेंगे कि वे मुसीबतों के समय में खुद को अपनी रक्षा कर सकें।

गुजरात में ट्रेनिंग
इसके लिए आरती सिंह ने गुजरात में तलवारबाजी की सारी विधाएं सीखी। उन्होंने एक से चार तलवारें एक साथ लेकर महारथ हासिल की। इसके बाद इच्छुक बच्चों, युवतियों और महिलाओं को मुफ्त तलवारबाजी सिखाना शुरू किया गया। आपको आर्ट फ्री कैंप भी चाहिए।

30 दिनों में आत्मरक्षा का प्रशिक्षण
आरती सिंह का कहना है कि तलवारबाजी की सारी विधाओं को सीखने में लंबा समय लगता है, लेकिन आत्मरक्षा के लिए महिलाओं और युवतियों को ज्यादातर 30 दिनों में इतनी क्षमता मिलती है कि उन्हें किसी भी तरह की सहायता की आवश्यकता नहीं होती है। महिलाएं अपनी सुरक्षा खुद कर सकती हैं। तलवारों के साथ-साथ, आरती सिंह कटार और तलवार से भी आत्मरक्षा के प्रशिक्षण संस्थान हैं। शहर भर से युवा युवा और पुरुष भी तलवारबाजी सीखने आते हैं।

परिवार का पूरा साथ है
आरती सिंह के परिवार के सदस्य भी इस नेक काम में अपना पूरा साथ दे रहे हैं। आरती में कहा गया है कि जब भी कोई लड़की और महिला अपनी तलवारबाजी सीखती है, तो वे उन्हें यही सलाह देते हैं कि इसका उपयोग केवल समय में खुद को बचाने के लिए करें। आरती सिंह ने बताया कि इस कार्य में उन्हें आत्मिक सार्वभौम कहा जाता है। आज के दौर में जब भी वे महिलाओं के साथ अत्याचार के बारे में पढ़ती हैं तो उनका मन व्यथित हो जाता है। आरती सिंह का यह प्रयास नारी शक्ति का प्रतीक है और समाज में एक प्रेरणा स्रोत उभर कर सामने आ रहा है। यह महिलाओं और युवतियों को आत्मनिर्भर और सिगरेट बनाने में अहम भूमिका निभा रही है।

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