लोगों का इलाज करने वाले इस अस्पताल में खुद है सरकारी जरूरतों की, एक कहावत है चिकित्सा सुविधा
आर्या झा/मधुबनी: इस हेल्थ एंड वेलनेस हॉस्पिटल की हालत बेहद खराब है। इसके लिए एक क्वार्टर रूम वो भी शटरस्टॉक में है। यूनिवर्सिटीज बताती हैं कि यहां एक भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं है। उन्हें क्रमिक ज्ञान है उनके खाते से वो सलाह दे दी जाती है। ऐसे में सवाल है कि 5,000 से ज्यादा की आबादी इससे जुड़ी है।
सुविधा के नाम पर कुछ नहीं
सहाय जिले के बाबूबरही के भटचौड़ा में लोग जिस अस्पताल में इलाज की हिम्मत जुटाते हैं, उनका कहना है कि अस्पताल को खुद ही खत्म कर देना चाहिए। जब लोकल 18 की टीम ने भटचौड़ा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में प्रवेश किया तो केवल एक ही स्टूडियो था। वह भी पीड़ित ही लग रही थी. इंडस्ट्री इंदु सिन्हा का कहना है कि हमें सीखा ज्ञान उसके आधार पर हम इस खंड के लोगों का ईलाज करते हैं।
बता दें कि 5,000 से ज्यादा आबादी भटचौड़ा की है और इतनी ही आबादी में एक स्टूडियो बनी हुई है। साथ ही एक कमरा भी जर्जर स्थिति में है। उसकी हालत ख़राब है. यहां डॉक्टर की व्यवस्था भी नहीं है और जिस डॉक्टर की या अधिक आवश्यकता है वह तो खंड के अस्पताल जाए या फिर इलाज के सदर अस्पताल के अलावा उसके पास कोई और साधन नहीं है। यहां मकान के ऊपर की सीलिंग जगह-जगह जगह-जगह बिखरी हुई है। बारिश के मौसम में पानी टपकता है और स्टूडियो में एक ही जगह लोगों की नज़र रहती है। इसके अलावा एक और परेशानी यहां है कि यहां से कोई रास्ता नहीं है। आगे जाने के लिए जगह छोड़ दी गई है लेकिन, सरकार की तरफ से यहां सड़क का निर्माण नहीं किया गया है।
बता दें कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में डॉक्टर की सुविधा उपलब्ध नहीं है। यहां प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना और जे. वैइ योजना के अंतर्गत ही हॉस्पिटल का आयोजन किया गया। जिसमें केवल एक मेटल स्टूडियो इंदु सिन्हा और एक हेल्थ एंड मैन वेलनेस स्टाफ अरुण कुमार यादव शामिल हैं। ANM 2017 के दौरान यहां से कर्मचारी हैं और 2017 से 2024 तक वह काम कर रही हैं। वह यहां की स्थिति को देखते हुए कई बार पत्र लिखती हैं। प्रभारी और बाकी लोग भी ग्यान देख लेते हैं, फोटो-वीडियो लेकर चले जाते हैं। ऊपर छत से पानी झर-झर गिरता है। बारिश में यहां पर जाने का कोई मतलब नहीं है. इस छोटे से एक कमरे के अस्पताल में यहां पर कुछ जगह दी गई है जो मिट्टी की सड़क है और एक ही रास्ते से लोग जाते हैं।
लोकल 18 की टीम ने यहां की टैगोर इंदु देवी से पूछा कि क्या यहां प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना और जेई योजना के तहत 12 तरीकों से इलाज हो रहा है? इस पर मैथ्यू जाबाव में कहा गया है कि पूरा तो नहीं हो रहा है, मर्ज बनता है कि मैं इलाज करता हूं क्योंकि यहां पर कोई भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं है।
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पहले प्रकाशित : 15 अगस्त, 2024, 23:13 IST