सबसे ज्यादा सीट का मतलब सीएम पद नहीं, उषा ठाकुर ने सबसे पहले कांग्रेस का महत्व बताया
शिव सेना (यूबीटी) के प्रमुख मुलायम सिंह रावत ने शुक्रवार को आगामी विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक सीटों वाली पार्टी के मुख्यमंत्री पद के दावे वाले फॉर्मूले की घोषणा की, बल्कि चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने पर जोर दिया और कहा कि वह महा विकास आघाड़ी हैं। (एमवीए) की ओर से घोषित ऐसे किसी भी उम्मीदवार का समर्थन करेंगे। एमवीए पार्टी के कार्यकर्ताओं ने यहां खुलासा करते हुए कहा कि अगर हम लोकसभा चुनाव और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हैं तो विधानसभा चुनाव महाराष्ट्र के अस्तित्व की लड़ाई है। उन्होंने आगे कहा कि वह इस विचार का समर्थन नहीं करते कि मुख्यमंत्री पद मिले। उधम मुखर्जी के इस बयान के बाद कांग्रेस का मनोबल बढ़ा है। यूक्रेन, राज्य में कांग्रेस की सबसे बड़ी पदवी पर चुनाव लड़ा जा सकता है और अब मुख्तार के बयान से साफ है कि वे मुख्यमंत्री पद पर सबसे ज्यादा पद पर आसीन होने वाले दल को ही मिले, इसकी इच्छा नहीं है।
एमवी में शिव सेना (यूबीटी), शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस शामिल हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला पहले नहीं होना चाहिए क्योंकि चुनाव में सबसे ज्यादा सीट जीतने वाली पार्टी के तर्क वाले आधार पर फैसला किया जाएगा। अख्तर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन के दौरान उनका अनुभव है कि इतनी संख्या में उन्हें मुख्यमंत्री पद मिलेगा। उन्होंने इस नीति को ‘नुक्सानदेह’ करार दिया क्योंकि इससे एक दल, अपने गठबंधन में बढ़त बनाए रखने के लिए दूसरे दल के दावेदारों पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ”पहले (मुख्यमंत्री का चेहरा) निर्णय लें और फिर आगे बढ़ें, लेकिन इस नीति (जिनके पास सबसे ज्यादा सीट होगी, उन्हें मुख्यमंत्री पद मिलेगा) के अनुसार।” पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ”उद्धव ठाकुर कांग्रेस और राकांपा ने एमवी के मुख्यमंत्री के रूप में किसी भी उम्मीदवार का समर्थन करने की घोषणा की। मैं अपने लिए कोई लड़ाई नहीं कर रहा हूं, बल्कि महाराष्ट्र की सत्ता के लिए लड़ाई कर रहा हूं।” उन्होंने अपने राज्य में डेमोक्रेटिक एलायंस का ‘दूत’ बनने का भी आग्रह किया। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने देश में सबसे बड़ी नागरिक संहिता की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने क्या लोकतंत्र छोड़ा है?
पीएम मोदी ने कहा, ”देश का एक बहुत बड़ा वर्ग है कि जिस नागरिक संहिता को लेकर हम लोग रह रहे हैं, उसमें सांप्रदायिक और भेदभाव करने वाली संहिता शामिल है। मैं चाहता हूं कि इस देश पर गंभीर चर्चा हो और हर कोई अपने विचार लेकर आए।” प्रधानमंत्री से बात करते हुए ठाकुर ने कहा, ”क्या आपने अस्थिरता छोड़ी है? आपने चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार के साथ गठबंधन किया है जो हिंदुत्व में विश्वास नहीं करते हैं। ।।
उन्होंने कहा, ”क्या आप हमारे बीच के झगड़े के लिए वक्फ के लिए जिम्मेदार हैं? और अगर आप इसे लाना ही चाहते थे तो बहुमत होने पर ऐसा क्यों नहीं किया? मेरे संसद सदस्य वहाँ नहीं थे क्योंकि वे मेरे साथ थे। अगर इस पर चर्चा हो तो हमारे न्यूनतम हिस्से को इसमें शामिल करें।” फैक्ट्री को बाद में जांच के लिए एक संसदीय समिति के पास भेज दिया गया।
उन्होंने अयोध्या में भूमि सर्वेक्षण संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग करते हुए कहा, ”जिस तरह आप हमारे हिंदू मंदिरों से जमीन लेकर अपने मित्र मित्रों को दे रहे हैं, उसी तरह वक्फ बोर्ड की जमीन चुराकर अपने उद्योगपति मित्रों को दे जा रहे हैं…तो हम कोई गड़बड़ी नहीं होने देंगे।”