बिहार

सीबीएसई 12वीं में 96.4% अंक, नीट में हासिल की 14वीं रैंक, अब यहां से कर रहे हैं पढ़ाई

एनईईटी सफलता की कहानी: मेडिकल कॉलेज (मेडिकल कॉलेज) से पढ़ाई करने वालों को नीट में प्रवेश मिलता है। इसे पार करने के बाद ही डॉक्टर बनने का सवाल पूरा हो सकता है। यह देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा में हर साल लाखों अभ्यर्थी शामिल होते हैं, लेकिन कुछ ही लोग इसे पास करने में सफल हो जाते हैं। वहीं नीट में टॉप रैंक लाना किसी सपने का सच होना जैसा लगता है। ऐसी ही कहानी है एक लड़के की, जो टॉप रैंक में शामिल है और अपने सपने को साकार करने में कामयाब हो रहे हैं। इनका नाम शशांक कुमार (शशांक कुमार) है।

नीट में 14वीं रैंक हासिल की
शशांक कुमार (शशांक कुमार) मूल रूप से बिहार के बेरोजगार जिलों से भंडार रखते हैं। उन्होंने नीट की परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 14 हासिल की है। शशांक को 720 में 715 अंक मिले हैं। उनका मानना ​​है कि सबसे बड़ी शक्ति आत्म-नियंत्रण है। कोविड-19 महामारी के बाद दवाओं का इस्तेमाल बढ़ा और उनका अत्यधिक उपयोग भी हुआ, जिससे उनका समय बर्बाद हो गया। जब उन्होंने आत्म-विश्लेषण किया, तो साप्ताहिक रिपोर्ट विश्लेषण शुरू हुआ। टैब से वह इसे केवल एक घंटे के लिए इस्तेमाल करते हैं।

लाभ में 96.4 अंक
नीट के परीक्षा में 14वीं रैंक वाले शशांक (शशांक कुमार) को कक्षा 10वीं के बोर्ड परीक्षा में 99 प्रतिशत अंक मिले हैं और कक्षा 12वीं के बोर्ड परीक्षा में 96.4 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं। डाइन प्रोफाइल के अनुसार अब वह एम्स, नई दिल्ली से लाइब्रेरी सर्जरी और लिंक मेडिसिन की पढ़ाई कर रहे हैं। वह कहते हैं कि जब भी वह परेशान होते हैं या मंदी में होते हैं, तो वह अपने मम्मी-पापा से बात करते हैं और उनकी बातों का पालन करते हैं। इससे उनके असफल परिणाम मिले हैं।

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टैग: NEET, नीट परीक्षा, सफलता की कहानी

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